कन्हैयाजी / सहरसा: बेटी की पढ़ाई के लिए घर बेच देने और बेटी को काउंसलिंग में ले जाने के लिए पत्नी का जेवर गिरवी रखनेवाले अंगद के पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संज्ञान लिया है.
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रलय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के अवर सचिव एके तिवारी ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन को पत्र लिख कर पिछड़े परिवार की बेटी के उच्च शिक्षा के संबंध में शीघ्र कार्रवाई कर उन्हें सूचित करने को क हा है. मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने कहा है कि गरीबी व लाचारी किसी की पढ़ाई में बाधक नहीं होनी चाहिए. खासकर लड़कियों की. शिक्षा को ऊंचाई देने के लिए सरकार को पहला कदम आगे बढ़ाना चाहिए.
बतायी थी व्यथा : प्रधानमंत्री को भेजे पत्र के साथ प्रभात खबर के विभिन्न संस्करणों में छपी स्टोरी की प्रति भेज अंगद ने बताया था कि वह महज 3500 प्रतिमाह के मानदेय पर कस्तूरबा विद्यालय में आदेशपाल है. जहां कभी भी समय पर मानदेय का भुगतान नहीं होता. अंगद ने बताया था कि मेधावी बेटी को नर्सिग कराने के लिए एक लाख रुपये जुटाने में उसे घर बेचना पड़ा. 60 हजार रुपये और नहीं देने के कारण अब तक ओरिजनल प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया. अंगद ने पीएम को लिखा था कि कृषि विवि की परीक्षा में पास करने के बाद इंटरव्यू में भाग लेने व फीस जमा करने के लिए उसे पत्नी का जेवर तक गिरवी रखना पड़ा था. समय पर मानदेय का भुगतान नहीं होने से उसे बेटी को कृषि महाविद्यालय के छात्रवास से हटाना पड़ा.