उन्होंने बताया कि बिहार की लचर बिजली आपूर्ति व्यवस्था को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अल्ट्रा पावर प्लांट बिहार में लगाने का निर्देश दिया है. सुशील मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार से बिहार को लगातार सौगात मिल रही है, लेकिन 10 वर्षो तक लगातार सीएम रहते नीतीश कुमार बिहार में एक भी पावर प्लांट नहीं लगा पाये.
हाल यह है कि बिहार का अपना बिजली उत्पादन अन्य राज्यों से सर्वाधिक कम यानी मात्र सवा सौ मेगावाट है. सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार केंद्र पर बिहार के साथ भेदभाव का अनर्गल आरोप लगा कर अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के दौरान बिहारवासियों से किये गये वादों को एक-एक कर पूरा कर रहे हैं.
पिछले नौ महीने में केंद्र सरकार द्वारा बिहार को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का ही नतीजा है कि रेल बजट में बिहार की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त राशि दी गयी,वहीं आम बजट में भी आंध्र प्रदेश के तर्ज पर बिहार को केंद्रीय सहायता देने, एम्स जैसा एक और संस्थान खोलने और पांच अल्ट्रा मेगा प्लांटों में से एक बिहार में लगाने की स्वीकृति दी गयी है. यही नहीं, 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्रीय करों में यूपी के बाद सबसे अधिक हिस्सा बिहार को देने का निर्णय लिया गया है. नीतीश कुमार पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर न केवल केंद्र सरकार के सहयोग की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि जनता को बरगलाने की भी कोशिश कर रहे हैं. भाजपा से गंठबंधन तोड़ने के बाद दो वर्षो में उन्होंने बिहार की जिस तरह से दुर्दशा की है, विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें माफ नहीं करने वाली है.