पटना: होलिका दहन इस बार गुरुवार को होगी. पूर्णिमा तिथि में रात्रि 10.38 मिनट तक है. इस दिन सूर्यास्त 6.12 मिनट पर हो रही है. इसके बाद होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है. इसके दूसरे दिन 6 मार्च (शुक्रवार) को चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन रंगों की होली खेली जायेगी.
पंडित मरकडेय शारदेय के अनुसार होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि के होने और भद्रा के बाद मनायी जाती है. गुरुवार को पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होते ही सिंह राशि की भद्रा दिन में 9.34 मिनट तक है. इसके साथ ही रात्रि 10.38 मिनट तक पूर्णिमा है. इससे पहले व सूर्यास्त के बाद होलिका दहन करने का विधान है.
इस दिन सूर्यास्त 6.12 मिनट पर हो रहा है. इससे 6 से 8 बजे तक होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है. शुक्रवार के दिन होली का त्योहार शुभ फलदायी है. वसंत ऋतु का स्वामी शुक्र है. इसे भौतिक सुख संपदा का ग्रह माना गया है. शुक्रवार को होली सुख संपदा के लिए अति शुभ फलदायी है. इस दिन शांति व सौहार्द के रूप में होली का त्योहार मना सकेंगे. इस दिन पुराने रिश्तों के बीच आयी दूरी भी कम हो सकेगी.
राशियों के अनुसार रंगों से खेलें होली
मेष : लाल रंग का इस्तेमाल करना अति शुभ है
वृष : मिश्रित रंगों का इस्तेमाल करें, फायदेमंद रहेगा
मिथुन : हरा रंग अति शुभ है
कर्क: कर्क राशि वालों का लकी रंग सफेद व आसमानी है. इन दोनों रंगों का इस्तेमाल होली में करना शुभ होगा
सिंह : लाल रंग लगाये व लगवाएं
कन्या: इस राशि वाले जातक के लिए हरे रंग का इस्तेमाल शुभ है.
तुला : दो-तीन मिश्रित रंगों का इस्तेमाल करें.
वृश्चिक : शुभ रंग लाल है.
धनु इस राशि वाले जातक पीले रंग का गुलाल लगाये.
मकर : लकी रंग बैगनी है.
कुंभ : इस राशि वाले जातक भी हरे व बैगनी रंग के गुलाल का इस्तेमाल करें
मीन : मीन राशि वाले जातक के लिए पीले रंग का इस्तेमाल करना शुभ होगा.