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दो दर्जन जिले हो सकते हैं सूखाग्रस्त घोषित

पटना : कम बारिश को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर जिलों में प्रभारी सचिवों का दौरा शुरू हो गया है. सोमवार तक राज्य के सभी जिलों के लिए नियुक्त किये गये सरकार के सचिव या प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी दौरा कर लेंगे. मंगलवार को जब आपदा प्रबंधन समूह की बैठक होगी, तो […]

पटना : कम बारिश को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर जिलों में प्रभारी सचिवों का दौरा शुरू हो गया है. सोमवार तक राज्य के सभी जिलों के लिए नियुक्त किये गये सरकार के सचिव या प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी दौरा कर लेंगे. मंगलवार को जब आपदा प्रबंधन समूह की बैठक होगी, तो उसमें इन्हें अपनी रिपोर्ट दे देनी है. ऐसी संभावना है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होनेवाली मंगलवार को सीएमजी की बैठक में सुखाड़ घोषित करने को लेकर अंतिम रणनीति तय कर ली जायेगी.

* नवादा में सबसे कम बारिश

वैसे सुखाड़ घोषित होने से पहले कैबिनेट की स्वीकृति जरूरी है. राज्य में अभी करीब दो दर्जन ऐसे जिले हैं, जहां कम बारिश हो रही है. नवादा में सबसे अधिक 80 फीसदी कम बारिश हुई है. इस स्थिति के आधार पर इन जिलों में सुखाड़ घोषित किया जा सकता है. राज्य में हो रही बारिश पर आपदा प्रबंधन विभाग की पैनी नजर है. इसके अलावा धान की रोपनी मक्का की खेती पर भी कृषि विभाग से हर दिन रिपोर्ट लिया जा रहा है. जल संसाधन विभाग से नहरों या जलाशयों से हो रही सिंचाई की अद्यतन स्थिति हर दिन प्राप्त की जा रही है.

* सौंपी जायेगी प्रखंडवार रिपोर्ट

अधिकारियों के अनुसार सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद खेती की स्थिति अब भी संतोषजनक नहीं है. प्रभारी सचिवों में करीब डेढ़ दर्जन अधिकारियों ने जिलों का दौरा कर लिया है. 38 जिलों में अधिकारियों का दौरा होने के बाद उनके द्वारा धान की रोपनी, मक्का की खेती को लेकर प्रखंडवार रिपोर्ट सौंपी जायेगी.

इसी रिपोर्ट के आधार पर सुखाड़ घोषित करने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. मौजूदा स्थिति के अनुसार अगर चार सप्ताह तक लगातार कम बारिश हो और रोपनी का प्रतिशत कम हो, तो सुखाड़ घोषित हो सकता है. इसमें कुछेक वैसे जिले भी शामिल हैं, जहां कुछ प्रखंड बाढ़ तो बाकी सुखाड़ से भी ग्रस्त हैं.

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