इसी तरह, दूसरी जगह पर 17 परिवार बसे हैं. यहां पर कुछ झोपड़ियों को हटाया गया है, लेकिन उनका दखल कब्जा अब तक रेलवे को नहीं दिया गया है. बिंद टोली के पास भी बोल्डर डाल कर निर्माण किया जाना है, ताकि गंगा नदी से शहर की सुरक्षा की जा सके. अगर जमीन मिल जाये, तो सात से आठ स्पेन के निर्माण करने में काफी सहूलियत होगी. श्री झा ने बताया कि सारण क्षेत्र में सरकार ने कागज पर तो जमीन दे दी है, लेकिन कब्जा नहीं दिया गया है. इस छोर पर कई लोग झोपड़ियां बना कर रह रहे हैं.
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दीघा रेल पुल: राज्य सरकार ने नहीं दी जमीन तो रेलवे बंद करेगी पुल निर्माण
पटना: दीघा रेल पुल का काम कब बंद हो जाये, कोई ठीक नहीं है. रेलवे को जितना काम करना है, वह कर रही है. पूर्व मध्य रेल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण, दक्षिण) एलएम झा ने कहा कि सरकार के साथ एप्रोच रोड की जमीन को लेकर सहमति अब भी नहीं बन पा रही है. […]
पटना: दीघा रेल पुल का काम कब बंद हो जाये, कोई ठीक नहीं है. रेलवे को जितना काम करना है, वह कर रही है. पूर्व मध्य रेल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण, दक्षिण) एलएम झा ने कहा कि सरकार के साथ एप्रोच रोड की जमीन को लेकर सहमति अब भी नहीं बन पा रही है. जमीन नहीं देने की वजह से काम देरी से हो रहा है, जबकि रेलवे जमीन की कीमत भी तय रेट से देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार जमीन नहीं देगी, तो मजबूरन रेलवे को काम बंद करना पड़ेगा.
जमीन की सबसे अधिक प्रॉब्लम दीघा छोर पर अशोक राजपथ के पास है. राज्य सरकार से पूर्व में समझौता होने के बावजूद इधर तीन जगहों पर जमीन की दिक्कतें हो रही हैं. एक जगह पर 19 लोग बसे थे, जिनमें से 18 हट गये हैं, मगर एक सुनैना देवी अब भी जमीन नहीं छोड़ रही है.
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