पटना: केंद्र द्वारा बिहार की हकमारी किये जाने के खिलाफ जदयू व राजद के साथ कांग्रेस ने रविवार को धरना दिया. गांधी मैदान स्थित जेपी गोलंबर पर तीनों दलों के विधानमंडल के सदस्यों ने केंद्र पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र की एनडीए सरकार पर विकास कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया. नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं में राशि की कटौती की है. इसका असर राज्य के विकास कार्यो पर दिखने लगा है.
इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने अपनी राशि से नेशनल हाइवे की मरम्मत कराने का काम किया. केंद्र सरकार ने राशि देने की बात कही थी, लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार लगभग एक हजार करोड़ की राशि नहीं दे रही है. यही स्थिति ग्रामीण सड़कों को लेकर है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बननेवाली ग्रामीण सड़क के लिए राशि मुहैया नहीं करा रही है. मनरेगा व इंदिरा आवास सहित अन्य योजनाओं में कटौती की जा रही है. इंदिरा आवास योजना के तहत राज्य में प्रत्येक साल छह लाख गरीब परिवारों को घर बनाने के लिए राशि मिलती थी. भाजपा सरकार ने उसमें कटौती कर सालाना दो लाख 40 हजार कर दिया है. इससे केंद्र की भाजपा सरकार का गरीब विरोधी उजागर हुआ है. उत्तर व बिहार को जोड़नेवाली महात्मा गांधी सेतु की स्थिति खतरनाक है. पुल के ध्वस्त होने पर उत्तर बिहार व दक्षिण बिहार का संपर्क टूट सकता है. लेकिन, केंद्र सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है.
याद नहीं रहे वादे : नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के रवैये के खिलाफ बिहार सरकार चुप नहीं बैठेगी. जदयू, राजद व कांग्रेस विधायकों ने भाजपा नेताओं पर जनता से झूठे वायदे करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय पीएम नरेंद्र मोदी ने लच्छेदार भाषण में बिहार की जनता से विशेष राज्य का दर्जा देने, विशेष पैकेज व विशेष सुविधा के वायदे किये थे. उन्होंने आश्वासन दिया था कि बिहार के विकास के लिए जो भी आवश्यक होगा केंद्र में बननेवाली उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी. केंद्र में सरकार बनने के बाद अब उन्हें वे वायदे याद नहीं रहे. भाजपा नेता झूठ बोलने में माहिर हैं. बिहार के भाजपा नेता हकमारी के खिलाफ अपना मुंह बंद किये हुए हैं. यहां तक कि बिहार से काबिज केंद्रीय मंत्री भी चुप्पी साधे हुए हैं. इसके खिलाफ जदयू,राजद व कांग्रेस द्वारा जन-जागरण अभियान चलाया जायेगा.
इन्होंने बुलंद की आवाज : धरना की अध्यक्षता राजद विधायक दुर्गा प्रसाद व संचालन जदयू विधायक डॉ दाउद अली अंसारी ने किया. धरना का समापन विधान सभा में कांग्रेस दल के नेता सदानंद सिंह ने किया. धरने में जदयू विधायक नीरज कुमार, संजय सिंह, प्रो रणवीर नंदन, राजेश सिंह, हरिनारायण सिंह, गौतम सिंह, रामानंद प्रसाद सिंह, मंजीत कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, विजय मिश्र, ऋषि मिश्र, मंजू वर्मा, रत्नेश सादा, सतीश कुमार साह, रामचंद्र सदा, प्रदीप महतो, राणा गंगेश्वर सिंह, मदन सहनी, नरेंद्र कुमार नीरज, अभिराम शर्मा, पूनम देवी यादव, सुमित कुमार सिंह, ललन राम, मनोज यादव, अनंत कुमार सत्यार्थी, सोनेलाल मेहता, राम सेवक सिंह, रंधीर कुमार सोनी, गिरधारी यादव, प्रभात रंजन सिंह, अशोक कुमार, राजेंद्र राय, राजू यादव, उपेंद्र प्रसाद, सुनीता सिंह, नीता चौधरी, ललन कुमार सर्राफ, मुजाहिद आलम, मंजू कुमारी, वीरेंद्र कुमार सिंह, शैलेश कुमार, संतोष कुमार निराला, इजहार अहमद, मनोरमा प्रसाद, मंजर आलम, रणविजय कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, कृष्णनंदन यादव, सलमान रागिब, अशोक कुमार सिंह, सतीश कुमार, राजेंद्र प्रसाद, मनोज यादव, राजद के भाई वीरेंद्र, जीतेंद्र यादव, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, अजय कुमार बुलगानिन, राम बालक सिंह व कांग्रेस से सदानंद सिंह शामिल थे.
कांग्रेस से केवल सदानंद पहुंचे
धरनास्थल पर सबसे अंत में ढाई बजे विधानसभा में कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह पहुंचे. उनके भाषण देने के बाद धरना कार्यक्रम को समाप्त किये जाने की घोषणा हुई. बाद में पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस की ओर से एकमात्र सदस्य धरना में पहुंचे हैं, तो इस पर श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस के मात्र पांच विधायक हैं. मुङो छोड़ कर अन्य विधायक पटना से बाहर हैं. केवल एक विधान पार्षद डॉ मदन मोहन झा पटना में हैं, जो अस्वस्थ हैं.
नहीं दिखा राजद का झंडा
धरना स्थल पर केवल जदयू का झंडा दिखायी दिया. राजद व कांग्रेस का झंडा कहीं नजर नहीं आया. हालांकि, बैनरों व छोटे-छोटे पोस्टरों में जदयू के साथ राजद व कांग्रेस का भी नाम था. राजद नेताओं ने आपस में चर्चा के दौरान कहा कि राजद का भी झंडा होना चाहिए था.