पटना. प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 में बहुत सारी गलतियां हैं. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि इन गलतियों को सुधारा जाना चाहिए. इस प्लान में प्राइमरी वर्करों के आकलन के लिए 2001 के डाटा का इस्तेमाल किया गया है, जबकि 2011 का डाटा मौजूद है. करमलीचक, वारसलीगंज, फुलवारी आदि इलाकों में 200 से भी ज्यादा इकाइयां चल रही हैं. उनको प्रस्तावित पटना के नक्शे में आवासीय इलाकों की श्रेणी में रखा गया है. जबकि पटना-गया रोड को औद्योगिक/व्यावसायिक/आवासीय श्रेणी में रखा जाना चाहिए. कुछ जगहों को पब्लिक और सेमी पब्लिक चिंह्ति किया गया है. सरकार को यह साफ करना चाहिए कि जमीन अधिग्रहण और इसमें मुआवजे की क्या प्रक्रिया होगी. पटना मास्टर प्लान 2031 में डेडिकेटेड मेडिकल डिस्ट्रक्टि, एजुकेशन डिस्ट्रक्टि और स्पोर्ट्स डिस्ट्रक्टि की भी योजना होनी चाहिए. प्रस्तावित हवाई अड्डा के लिए पुनपुन के साउथ-इस्ट डुमरी का चयन किया गया है, जबकि यह क्षेत्र बाढ़ पीडि़त है. हवाई अड्डा को फतुहा से दनियावां के बीच स्थापित किया जा सकता है. वर्तमान हवाई अड्डा व प्रस्तावित हवाई अड्डा को जोड़नेवाली सड़क को हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए.
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मास्टर प्लान-2031 में बहुत सारी गलतियां : बीआइए
पटना. प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 में बहुत सारी गलतियां हैं. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि इन गलतियों को सुधारा जाना चाहिए. इस प्लान में प्राइमरी वर्करों के आकलन के लिए 2001 के डाटा का इस्तेमाल किया गया है, जबकि 2011 का डाटा मौजूद है. करमलीचक, वारसलीगंज, फुलवारी आदि इलाकों में […]
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