पटना : बिहार में विदेशी मेहमानों को सीएम नीतीश कुमार की सरकार ने बड़ा गिफ्ट दिया है. दरअसल, प्रवासी पक्षियों के लिए ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ की स्थापना को लेकर एमओयू पर साइन किया गया है. प्रवासी पक्षियों की जांच, निगरानी और अनुसंधान को समर्पित ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ की स्थापना के लिए बिहार सरकार बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) की मदद लेगी. पर्यावरण और वन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया प्रवासी पक्षियों को समर्पित ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ की स्थापना के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय के सचिव सीके मिश्र की मौजूदगी में गांधीनगर में बिहार सरकार और बीएनएचएस के प्रतिनिधियों ने एक एमओयू साइन किया है.
देश का चौथा राज्य बनेगा बिहार
दीपक कुमार सिंह ने बताया है कि गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आयोजित 13वें प्रवासी प्रजाति संरक्षण सम्मेलन ‘सीएमएस-सीओपी 13’ में एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है. सम्मेलन में 130 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. अभी देश में तमिलनाडु, राजस्थान और ओडिशा में बर्ड रिंगिंग स्टेशन हैं. परियोजना के लिए बिहार सरकार 5 करोड़ रुपये खर्च करेगी. पांच साल के एमओयू के अनुसार बर्ड रिंगिंग स्टेशन को बीएनएचएस से प्रशिक्षित वैज्ञानिक और ट्रेंड लोग संचालित करेंगे. बीएनएचएस के निदेशक प्रदीप आप्टे और बिहार के मुख्य वन्यजीव वार्डन प्रभात कुमार गुप्ता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. राज्य के पहले बर्ड रिंगिंग स्टेशन को राज्य सरकार के सहयोग से स्थापित किया जायेगा.
गंगा नदी किनारे भागलपुर में केंद्र
‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ का मुख्य केंद्र भागलपुर में गंगा नदी के करीब होगा. यह प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थल है. दुनिया में ग्रेटर ऐजटन्ट (बड़े सारस) के केवल तीन प्रजनन स्थान हैं. बिहार के अलावा दो अन्य असम और कंबोडिया में हैं. बिहार में प्रवासी पक्षियों को जमुई, बेगूसराय, दरभंगा और वैशाली जिलों में भी देखा जाता है. दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सीएमएस-सीओपी 13 में बिहार का स्टाल भी लगाया गया था. इसका केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने निरीक्षण किया था. राज्य मंत्री सुप्रियो ने वन्य जीवों के संरक्षण में बिहार सरकार के प्रयासों की सराहना की थी. उन्हें भागलपुर में ग्रेटर ऐजटन्ट के प्रजनन पर एक रिपोर्ट भी पेश की गयी थी.
क्या होता है ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’?
बिहार में ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ को लेकर एमओयू से प्रवासी पक्षियों को देखने के शौकीनों में खुशी की लहर दौड़ गयी है. ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ में पक्षियों की जांच की जाती है, प्रवासी पक्षियों की निगरानी और प्रजनन का ख्याल भी रखा जाता है. यहां पक्षियों के पैरों पर रिंग (छल्ले) लगाए जाते हैं. रिंग चिप्स के साथ आते हैं जो पक्षियों की हर गतिविधि पर नज़र रखता है. ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ प्रवासी पक्षियों उत्पत्ति और प्रवास के दौरान उनके मार्गों पर नज़र रखने में मदद करते हैं. इससे प्रवासी पक्षियों के आगमन और लौटने के रास्ते की सही जानकारी मिलती है. इस कारण प्रवासी पक्षियों से जुड़ी कई रोचक जानकारियां सामने आती हैं. उम्मीद है बिहार का ‘बर्ड रिंगिंग स्टेशन’ जल्द ही शुरू हो जायेगा.