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पटना : मई तक पूरी हो सभी नालों की सफाई
जांच टीम ने सुझाये हैं क्षेत्रवार कई अहम सुझाव पटना : सितंबर में पटना में हुए भीषण जमलमाव से संबंधित रिपोर्ट में जांच टीम ने क्षेत्रवार सुझाव के अलावा पूरे पटना के नालों की सफाई के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं. इसमें कहा गया है कि शहर के नालों की सफाई के लिए एक […]
जांच टीम ने सुझाये हैं क्षेत्रवार कई अहम सुझाव
पटना : सितंबर में पटना में हुए भीषण जमलमाव से संबंधित रिपोर्ट में जांच टीम ने क्षेत्रवार सुझाव के अलावा पूरे पटना के नालों की सफाई के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं.
इसमें कहा गया है कि शहर के नालों की सफाई के लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाये. सभी नालों को 100 फुट की लंबाई, चौड़ाई और गहराई नाप कर हर बार यह आश्वस्त किया जाये कि नाले की सफाई हुई है. सर्दी के तुरंत बाद नाले की सफाई शुरू होकर मई तक हर हाल में पूरी हो जानी चाहिए. वहीं, भूगर्भ नालों की सफाई के लिए विशेष प्रशिक्षित टीम को लगाया जाये. नालों की संरचना में आवश्यक संशोधन कर मशीन से सफाई की व्यवस्था की जाये. नालों की सफाई के लिए मजदूरों के कौशल प्रशिक्षण का विकास हो. अंडरग्राउंड नालों की सफाई की समीक्षा नगर आयुक्त स्तर पर होनी चाहिए.
नालों के सीमांकन की हो व्यवस्था : सुझाव में नालों की विशेष सफाई के लिए उनके सीमांकन के लिए पिलर लगाने के लिए कहा गया है. पूरे शहर के नालों को चरणबद्ध तरीके से पक्का किया जाये. प्रमुख नालों के अलावा अतिरिक्त नालों, मैनहोल, कैचपीट के लिए योजना बनाकर वर्ष में कम-से-कम दो बार आवश्यक रूप से सफाई करायी जानी चाहिए.
इसके लिए फ्लो चार्ट बनाकर सफाई की रूपरेखा तैयार की जायेगी. नालों के दोनों तरफ पाथ-वे का निर्माण किया जाये. सभी संप हाउस के स्वीच बोर्ड, पंप, ट्रांसफॉर्मर के लिए 8 से 10 प्लेटफॉर्मों का निर्माण कराया जाये. सभी संप हाउस के लिए अलग से फीडर की स्थापना की जाये. टीम ने कहा कि नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में बुडको के प्रतिनिधि भी भाग लें, ताकि समन्वय बन सके. नमामि गंगे की सभी योजनाओं की जानकारी सभी जनप्रतिनिधियों को दी जाये.
जांच टीम ने निगम द्वारा नालों की सफाई व बुडको की ओर से संप हाउसों की मरम्मती पर किये गये खर्च का ऑडिट वित्त विभाग से कराने की अनुशंसा की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री शहरी पक्की नाली-गली योजना से नालों के पक्कीकरण, नगर निकायों मेें कॉल सेंटर की स्थापना, सड़कों की ऊंचाई को नियंत्रित रखने के निर्देश दिये गये हैं.
दीर्घकालीन योजना : दीर्घकालीन योजना में मास्टर प्लान -2031 के अनुपालन के लिए मेट्रोपोलिटन क्षेत्र प्राधिकार को सशक्त बनाया जाये. बिल्डिंग बायलॉज-2014 का अनुपालन हो. बसावट पूर्ण होने के पूर्व नागरिक सुविधा का विस्तार हो, आउटफॉल नालों एवं संप हाउसों के प्रबंधन के लिए दीर्घकालीन योजना बने, ड्रेनेज मास्टर प्लान तैयार किया जाये. आउटफॉल नालों का पक्कीकरण किया जाये, अंतर एजेंसी के बीच समन्वय हो, अतिक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावी नियम बने.
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