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पटना : वेतन से जुड़ी जानकारी देने वाले विश्वविद्यालयों को नंवबर में जारी कर दिया जायेगा सातवां वेतनमान

पटना : ऐसे विश्वविद्यालय जिन्होंने सातवें वेतनमान से पड़ने वाले वित्तीय भार की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को दे दी है, उन्हें अनिवार्य तौर पर बढ़ा हुआ पुनरीक्षित वेतनमान नवंबर से दे दिया जायेगा. यह दिशा निर्देश विशेष सचिव सतीश चंद्र झा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में दिये गये. विशेष सचिव ने […]

पटना : ऐसे विश्वविद्यालय जिन्होंने सातवें वेतनमान से पड़ने वाले वित्तीय भार की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को दे दी है, उन्हें अनिवार्य तौर पर बढ़ा हुआ पुनरीक्षित वेतनमान नवंबर से दे दिया जायेगा. यह दिशा निर्देश विशेष सचिव सतीश चंद्र झा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में दिये गये.
विशेष सचिव ने वित्तीय भार की जानकारी नहीं देने वाले विश्वविद्यालयों को दो टूक चेतावनी दी कि अगर वे सात दिन के अंदर वित्तीय भार की जानकारी नहीं देते हैं, तो विभाग विधि सम्मत कदम उठायेगा. इसके लिए जिम्मेदार खुद विश्वविद्यालय ही होंगे.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी 13 विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सातवें पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ नवंबर के वेतन में मिलना है.
वेतनमान देने के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय से पड़ने वाले वित्तीय भार की जानकारी मांगी गयी है. यह जानकारी सात विश्वविद्यालयों ने अभी तक नहीं सौंपी है. सातवें वेतनमान का लाभ विश्वविद्यालयों के करीब 20 हजार शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को मिलेगा.
वित्त रहित काॅलेजों को सशर्त मिलेगी अनुदान राशि : विशेष सचिव सतीश चंद्र झा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एक अन्य समीक्षा बैठक में वित्त रहित कॉलेजों के अनुदान के संबंध में चर्चा हुई.
बैठक में विशेष सचिव झा ने कॉलेजों को निर्देश दिये कि अनुदान या वित्तीय सहायता केवल उन्हीं काॅलेज या शिक्षण संस्थाओं को दी जायेगी, जिन्होंने नियमानुसार संबद्धता हासिल की है. अनुदान के लिए यह सुनिश्चित किया जायेगा कि शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों कोे प्रवेश विषयवार मिली मंजूरी के आधार पर दिया है. इसके अलावा वित्त रहित संस्थानों से कहा गया है कि पहले जो राशि दी गयी है,उसके उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराएं. मीटिंग के दौरान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर दीपक कुमार भी मौजूद रहे.
सहायक प्रोफेसर पद के लिए संगीत में स्नातकोत्तर उपाधि होना जरूरी : बिहार लोक सेवा आयोग में संगीत विषय को मान्यता हासिल है. हालांकि कई ऐसे संस्थान हैं जो संगीत की तमाम विधाओं में अलग अलग से स्नातकोत्तर या समकक्ष डिग्री या उपाधि देते हैं. इसी दुविधा को दूर करने के लिए आयोग ने शिक्षा विभाग से अभिमत मांगा था कि किस उपाधि को वैधता दी जाये.
इसको लेकर बुधवार को शिक्षा अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गयी. इसमें मत दिया गया कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा संगीत विषय में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए संगीत से स्नातकोत्तर उपाधि ही मान्य होगी. इसके अलावा कोई और उपाधि मान्य नहीं होगी. आयोग को ये मत औपचारिक तौर पर जल्दी ही भेज दिया जायेगा.

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