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पटना : पुराने सरकारी भवनों का होगा कायापलट
भवन निर्माण विभाग की इस योजना पर काम अगले महीने शुरू होगा पटना : राज्य में अब 20 साल से पुराने सरकारी भवनों का कायापलट होगा. इसके लिए पुराने सरकारी भवनों की जांच होगी. इसमें यह जानकारी जुटायी जायेगी कि कौन-से भवन कितने पुराने हैं? वे किन हालात में हैं? यदि इनमें से कोई गिरने […]
भवन निर्माण विभाग की इस योजना पर काम अगले महीने शुरू होगा
पटना : राज्य में अब 20 साल से पुराने सरकारी भवनों का कायापलट होगा. इसके लिए पुराने सरकारी भवनों की जांच होगी. इसमें यह जानकारी जुटायी जायेगी कि कौन-से भवन कितने पुराने हैं? वे किन हालात में हैं?
यदि इनमें से कोई गिरने के हालत में होंगे, तो उन्हें गिरा कर नया भवन बनाया जायेगा. साथ ही जर्जर भवनों की लिस्ट तैयार कर, उनकी मरम्मत की जायेगी. भवन निर्माण विभाग ने इस काम की जिम्मेदारी विभाग में क्वालिटी और मॉनीटरिंग के चीफ इंजीनियर दी है. इस योजना पर काम अगले महीने शुरू हो जायेगा. इसका मकसद पुराने सरकारी भवनों को बेहतर बनाकर वहां के कर्मियों को सुरक्षा देना है. जिससे कि सरकारी कामकाज निर्बाध रूप से हो सके.
भवन निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि राज्य में सरकारी भवनों के जर्जर होने की लगातार शिकायतें आ रही थीं. इसे लेकर पिछले दिनों विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श हुआ और 20 साल से पुराने जर्जर सरकारी भवनों की पहचान का निर्देश दिया गया. इस निर्देश के आधार पर राज्य के सभी 38 जिलों में जर्जर भवनों की पहचान का काम शुरू होगा.
कंसल्टेंट की होगी बहाली
विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह नयी योजना है. इसके लिए पांच अधिकारियों का पैनल बनाया जायेगा. राज्य में 20 साल से पुराने भवनों की संख्या की जानकारी ली जायेगी. साथ ही टेंडर के माध्यम से कंसल्टेंट की बहाली की जायेगी. जर्जर भवनों की पहचान का काम कंसल्टेंट करेंगे. साथ ही यदि किसी सरकारी भवन में अधिक कमरों या अधिक मंजिलों का निर्माण का प्रस्ताव विभाग को मिलेगा, तो उन भवनों की मजबूती की जांच की जायेगी. उपयुक्त पाये जाने पर ही निर्माण की अनुमति दी जायेगी.
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