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पूर्वी राज्य मिलकर रोकेंगे नक्सलवाद पटना में आज क्षेत्रीय परिषद की बैठक

पटना : नक्सल समस्या से निबटने को लेकर चार राज्यों के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठक बुधवार को पटना में होगी. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की 11वीं विशेष बैठक में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के अधिकारी शामिल होंगे. इसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार करेंगे. मुख्यमंत्री सचिवालय […]

पटना : नक्सल समस्या से निबटने को लेकर चार राज्यों के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठक बुधवार को पटना में होगी. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की 11वीं विशेष बैठक में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के अधिकारी शामिल होंगे.

इसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार करेंगे. मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में सुबह 11 बजे से शुरू होने वाली इस विशेष बैठक में बिहार के 18-20 विभागों के अधिकारी तीनों राज्यों के अधिकारियों के साथ कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर विमर्श करेंगे. इसमें बिहार में लागू शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराने में पड़ोसी राज्यों से पूरे सहयोग की अपेक्षा के अलावा नक्सलवाद, सिविल कार्यों से जुड़े मामलों, रेल समेत अन्य बड़ी आधारभूत योजनाओं में पड़ोसी राज्यों के साथ जमीन से जुड़े मसलों को निबटाने पर चर्चा की जायेगी.

प्रमुख एजेंडों में झारखंड और बिहार के बंटवारे के बाद से ही चले आ रहे पेंशन और वेतन मद के बकाये करीब 400 करोड़ रुपये के निबटाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा होने की संभावना है. बीच-बीच में झारखंड ने कुछ भुगतान किया है, लेकिन अब भी इतनी बड़ी राशि बाकी ही है.

बिहार के अलावा झारखंड और ओड़िशा के लिए नक्सलवाद अब भी चुनौती बना हुआ है. इसे जड़ से उखाड़ फेंकने और उनकी मांद में घुसकर जोरदार प्रहार करने की रणनीति पर भी चर्चा की जायेगी. चारों राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने को लेकर खासतौर से बात होगी कि नक्सली राज्य की सीमा का फायदा उठाते हुए बचकर नहीं भाग पाये.

नक्सलियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई में राज्य की सीमा आड़े नहीं आयेगी, इस मसले को लेकर कुछ अहम समझौते भी होने की संभावना है.इसके अलावा शराबबंदी पर भी चचार् की जायेगी. बिहार की तरफ से झारखंड सीमा से सटे इलाकों में शराब की दुकानों को सीमा से पांच से 10 किमी की दूरी पर खोलने के मामले पर भी सहमति बनेगी.

शराबबंदी होगी बिहार के लिए मुख्य एजेंडा

बिहार की तरफ से शराबबंदी को सफलता से लागू करने में पड़ोसी राज्यों का हर तरह से सहयोग करना प्रमुख एजेंडों में एक होगा. शराबबंदी के बाद से झारखंड से बड़ी संख्या में शराब तस्करी के मामले पकड़े गये हैं.

ओड़िशा और पश्चिम बंगाल से भी शराब तस्करी के कुछ मामले सामने आये हैं. ओड़िशा से सबसे ज्यादा गांजा की तस्करी के मामले सामने आये हैं. इन पर नकेल कसने के लिए सूबे के अधिकारी संबंधित राज्यों के अधिकारियों के साथ कई खुफिया जानकारी साझा करते हुए सख्त कार्रवाई की रणनीति तैयार करेंगे. मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए आपसी समन्वय स्थापित कर संयुक्त रूप से कार्रवाई के लिए कुछ अहम समझौते होने वाले हैं.

दूसरे राज्यों के करीब 22 अधिकारी होंगे शामिल : इस बैठक में झारखंड, ओड़िशा व पश्चिम बंगाल के करीब 22 अधिकारी शामिल होंगे. इसमें संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव को शामिल होना था, लेकिन अलग-अलग कारणों से ओड़िशा, झारखंड व पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव शामिल नहीं होंगे.

उनकी जगह पश्चिम बंगाल के एडिशनल मुख्य सचिव और झारखंड व ओड़िशा के विकास आयुक्त बैठक में शामिल होंगे. मंगलवार की देर शाम तक कई अधिकारियों के पटना पहुंचने की सूचना है. इनके रहने का इंतजाम अलग-अलग होटलों में किया गया है. लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है.

बैठक में इन पर होगी चर्चा

नक्सल समस्या पर काबू की रणनीति

एक दूसरे राज्यों को छूने वाली परियोजनाएं

फ्रेट कॉरीडोर पर विचार

स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े मामलों पर विचार

आपसी देनदारी का मामला

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