पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज को प्राथमिकता देते हुए कहा कि हर प्रकार की बीमारी की जांच और रिसर्च के लिए सभी प्रकार के उपकरणों की खरीद की जायेगी.पहले चरण में इसकी शुरुआत आइजीआइएमएस, पीएमसीएच,एनएमसीएच, डीएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों से होगी. मरीज की बीमारी की जानकारी हो तो उसे इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगा.
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1929 करोड़ की प्रोजेक्टों का सीएम ने किया उद्घाटन-शिलान्यास, कहा – हर बीमारी की जांच को खरीदें उपकरण
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज को प्राथमिकता देते हुए कहा कि हर प्रकार की बीमारी की जांच और रिसर्च के लिए सभी प्रकार के उपकरणों की खरीद की जायेगी.पहले चरण में इसकी शुरुआत आइजीआइएमएस, पीएमसीएच,एनएमसीएच, डीएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों से होगी. मरीज की बीमारी की जानकारी हो तो उसे […]
गुरुवार को अधिवेशन भवन में स्वास्थ्य विभाग की 1029 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी उपकरण खरीदे जाये, उनके चलाने की ट्रेनिंग डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ को भी दिलाने की व्यवस्था की जाये. उपकरणों की खरीद के बाद जांच के लिए सक्षम व्यक्ति होना आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चला रही है.
साथ ही बाढ़-सुखाड़ जैसी आपदाओं से बचाव के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान दो अक्तूबर से शुरू होने वाला है. इस अभियान में तीन साल में ही 23-24 हजार करोड़ खर्च किये जायेंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि अस्पतालों के निर्माण के साथ उनका रखरखाव व मेंटनेंस भी किया जाना आवश्यक है.
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि जितनी भी परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया जा रहा है, उनसे राज्य के सभी वर्गों के मरीजों को इलाज की सुविधा में मिलेगी. उन्होंने बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 5400 बेडों की क्षमता वाले नये भवन के निर्माण का टेंडर तीन-चार दिनों में जारी कर दिया जायेगा.
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, राज्य स्वास्थ्य समिति के इडी मनोज कुमार, बीएमआइसीएल के एमडी संजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, पीएमसीएच के अधीक्षक डाॅ राजीव रंजन प्रसाद, आइजीआइएमएस के निदेशक डाॅ एनआर विश्वास सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच व डीएमसीएच से उपकरण खरीद की होगी शुरुआत
उपकरणों को चलाने की ट्रेनिंग डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ को दिलाने की व्यवस्था भी करें
तीन वर्षों में जल-जीवन-हरियाली अभियान में खर्च होंगे 24 हजार करोड़ रुपये
शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में आयी गिरावट
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव विकास के लिए सभी काम मिशन मोड में किया जा रहा है. इसी का परिणाम है कि राज्य में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 60 से घटकर अब 35 हो गयी है. इसी तरह मातृ मृत्यु दर प्रति लाख माताओं में 312 से गिरकर 165 तक पहुंची है.
आंकड़ों के अध्ययन से जानकारी मिली कि मैट्रिक पास माताओं में प्रजनन दर सिर्फ दो है. बिहार में भी मैट्रिक पास माताओं में प्रजनन दर दो है. इसे देखते हुए सरकार ने सभी पंचायतों में हाइस्कूल खोलने का निर्णय लिया. कन्या मृत्यु दर में सुधार के लिए कन्या उत्थान योजना शुरू की गयी.
अगले साल तक बिहार से कालाजार का खात्मा : मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बिहार से 2020 तक कालाजार का उन्मूलन कर दिया जायेगा. गरीबों में होनेवाली इस बीमारी से 2016 के बाद राज्य में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. राज्य के 205 प्रखंडों में फैला कालाजार अब सिर्फ 35 प्रखंडों में सिमट गया है.
कालाजार के रोगियों को इलाज कराने के लिए छह हजार रुपये व उसको अस्पताल लानेवाले साथी को 400 रुपये और अस्पताल आने-जाने के किराये के रूप में 200 रुपये सरकार की ओर से दिये जाते हैं. ऐसे ही टीबी मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज कराने पर मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं. टीबी मरीजों की सूचना देनेवाले को 500 रुपये दिये जाते हैं.
गिनायीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि नीतीश सरकार के पहले कार्यकाल में सबसे पहले पोलियो उन्मूलन का निर्णय लिया गया. सेवाओं में सुधार के लिए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बंद कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 24 घंटे सेवाएं बहाल की गयीं.
2006 में मुफ्त दवा वितरण करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य बना. साथ ही निजी-जन भागीदारी से पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांच की सुविधाएं बहाल की गयी. अस्पतालों में हर दिन बेडशीट बदलने के लिए सतरंगी चादरों की योजना शुरू की गयी.
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