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पटना :महिला सशक्तीकरण की बुनियाद है ‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’ व ‘मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना’

पटना : घर में बेटी के पैदा होने पर खुशी हो यानी बेटियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने “मुख्य़मंत्री कन्या उत्थान योजना” की शुरुआत की है. बेटियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और उनमें आत्मनिर्भरता विकसित करने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. कन्या भ्रूण हत्या रोकने के साथ-साथ कन्या जन्म को […]

पटना : घर में बेटी के पैदा होने पर खुशी हो यानी बेटियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने “मुख्य़मंत्री कन्या उत्थान योजना” की शुरुआत की है. बेटियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और उनमें आत्मनिर्भरता विकसित करने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. कन्या भ्रूण हत्या रोकने के साथ-साथ कन्या जन्म को प्रोत्साहित करना और दो वर्ष की उम्र तक की सभी लड़कियों को संपूर्ण टीकाकरण के लिए राज्य सरकार काम कर रही है.

राज्य सरकार कन्या उत्थान और कन्या सुरक्षा के लिए कई योजनाएं पूर्व से ही चला रही है, जिसके अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं. इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण योजना है मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना. प्रदेश में गरीब परिवार में जन्मी बेटियों की उचित देखभाल के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना की शुरुआत वर्ष 2007-08 में की. इसके तहत बीपीएल परिवार में 22 नवंबर, 2007 के बाद जन्म लेने वाली बेटियों को सरकार 2000 रुपये का निवेश प्रमाणपत्र देती है.

यह निवेश आइडीबीआइ और यूको बैंक के चिल्ड्रेन कैरियर बैलेंस प्लान फंड में किया जाता है, जो 18 वर्ष पूरा होने पर उसकी पूरी राशि बेटी के नाम उपलब्ध करायी जाती हैं. 38 जिलों के 544 प्रखंडों में “मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना” का संचालन आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये किया जा रहा है. पिछले तीन वर्षों में इस योजना के तहत बीपीएल परिवार के लगभग 15 लाख कन्याओं को लाभ पहुंचाया गया है. इस योजना के लिए सरकार ने इस वर्ष एक लाख आवेदनों का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि सिर्फ गरीब परिवार की बेटियों को देने का प्रावधान है.

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत लड़की के जन्म के समय 2000 रुपये, एक वर्ष में आधार में नाम जुड़ते ही 1000 रुपये, दो वर्ष के अंदर संपूर्ण टीकाकरण के बाद 2000 रुपये, जन्म लेने वाली बच्ची के माता-पिता के खाते में सरकार द्वारा भेजी जा रही है. पढ़ने वाली कक्षा एक और दो की लड़कियों के पोशाक के लिए 600 रुपये प्रतिवर्ष, वर्ग तीन से पांच तक में पढ़ने वाली लड़कियों को 700 रुपये, वर्ग छह से आठ तक में पढ़ने वाली छात्राओं को 1000 रुपये, वर्ग नौ से 12 तक में 1500 रुपये दिये जा रहे हैं. वर्ग सात से 12वीं तक की छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन के लिए 300 रुपये प्रतिवर्ष देने का प्रावधान है.

इंटर पास करने वाली बालिकाओं को 10,000 रुपये (अविवाहित लड़कियों को ही ) और स्नातक की पढ़ाई पूरी करने पर 25,000 रुपये देने का प्रावधान है. यानी मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत राज्य की हर लड़की को जन्म से स्नातक पास करने तक कुल 54 हजार 100 रुपये की सहायता राज्य सरकार द्वारा देने की योजना जारी है.

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ ज्यादा-से-ज्यादा लोग उठा सकें, इसके लिए सरकार व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार कर रही है. इन योजनाओं के बारे में और अधिक जानकारी के लिए लोग अपने निकटतम आंगनबाड़ी केंद्र, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ,असैनिक शल्य चिकित्सक आदि से संपर्क कर सकते हैं.

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