पटना: ग्रामीण इलाकों में आधा दर्जन बैंकों में सरेआम लूट की घटना को अंजाम देने के बाद फरार सरगना सुदर्शन रविदास उर्फ मास्टर (बेलौटी, मसौढ़ी) को पटना पुलिस की विशेष टीम ने पालीगंज बस स्टैंड से पकड़ लिया है.
इसके पास से चंडोस (सिगोड़ी) स्थित इलाहाबाद बैंक से लूटे गये 47 हजार नकद भी बरामद किये गये हैं. इसकी निशानदेही पर इसके घर में रखी कोठी से पैसे बरामद किये गये. विदित है कि पुलिस ने 31 मई को इसके गिरोह के दो सदस्य विमलेश कुमार उर्फ शशि रंजन (अरवल) व रंजीत कुमार (जहानाबाद) को गिरफ्तार किया था. उक्त दोनों बदमाशों के पास से एक देसी पिस्तौल, एक देसी कारबाइन, चार कारतूस समेत एक बाइक भी बरामद की गयी थी.
वीडियो फुटेज से मिला था सुराग
बैंक लुटेरों से एक लाख नकद भी बरामद किये गये थे. उस समय सरगना सुदर्शन भागने में सफल रहा था. पुलिस को इस मामले में बैंक के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज से काफी मदद मिली. वीडियो फुटेज से अपराधियों की उम्र व कद-काठी की जानकारी मिली थी. इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इसने बैंक लूट की घटना में अपनी संलिप्तता को स्वीकार की है. इस गिरोह के एक और सदस्य को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है.
क्या था मामला
विदित है कि इस गिरोह ने 21 मई को इलाहाबाद बैंक की चंडोस शाखा से 92 हजार की लूट की थी, जबकि अरवल जिले के किंजर थाने के अतौल ग्रामीण बैंक से एक लाख दो हजार रुपये लूटे थे. इन दोनों ही घटनाओं में चार अपराधी शामिल थे. बताया जाता है कि गिरोह के सरगना सुदर्शन ने इन सभी को बैंक लूट के लिए हायर किया था. साथ ही घटना के बाद सभी को उनके हिस्से की राशि बांट दी गयी थी.
नेपाल भागने की फिराक में था मास्टर
पुलिस के अनुसार सरगना मास्टर पालीगंज बस स्टैंड से नेपाल भागने की था. इसकी सूचना मिलने पर एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर भगवान गंज थानाध्यक्ष संजीत कुमार, सूचना इकाई के सब इंस्पेक्टर रोहन कुमार व रंजीत कुमार की टीम ने पालीगंज बस स्टैंड की घेराबंदी कर ली और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पकड़े जाने के बाद इसने अपना गलत नाम बता कर पुलिस को बरगलाने का प्रयास किया. लेकिन, पुलिस के पास उसकी तमाम जानकारी उपलब्ध थी.
पहले था एमसीसी का एरिया कमांडर
पकड़ा गया सुदर्शन उर्फ मास्टर पहले एमसीसी का एरिया कमांडर था और उसके खिलाफ सिगोड़ी, बिहटा, शकुराबाद, किंजर आदि थानों में कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह नक्सली पंचम महतो का दायां हाथ था. नक्सली संगठन छोड़ने के बाद यह ग्रामीण इलाकों के बैंकों में लूट की घटना को अंजाम देने लगा. इतना ही नहीं, उसने छत्तीसगढ़, झारखंड आदि राज्यों में भी डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस सूत्रों की मानें तो सुदर्शन का नाम नेपाल में भी हुई बैंक लूट में आया था.