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पटना : सूखे से निबटने को सरकार ने कसी कमर, बनी रणनीति, समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये कई निर्देश
पटना : राज्य में सूखे की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर इससे निबटने की रणनीति तैयार की. सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक में सीएम ने सूखे से निबटने के लिए हर संभव […]
पटना : राज्य में सूखे की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर इससे निबटने की रणनीति तैयार की.
सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक में सीएम ने सूखे से निबटने के लिए हर संभव कोशिश करने का सख्त निर्देश अधिकारियों को दिया. राज्य में खराब पड़े 30 से 35 हजार चापाकलों की मरम्मत जल्द से जल्द करा कर इन्हें चालू करने के अलावा सभी जलाशयों का उचित प्रबंधन करने का भी सीएम ने निर्देश दिया.
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि राज्य के 25 जिलों के 280 प्रखंड पहले से ही सूखाग्रस्त चिह्नित हैं. इनमें गया, नवादा, जमुई समेत अन्य जिले जल संकट से ज्यादा प्रभावित हैं. इन सभी प्रखंडों में पानी का उचित प्रबंधन करने और इसकी कमी दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश सभी अधिकारियों को दिया है. कई जिलों में टैंकरों से भी पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है.
राज्य में अभी 490 टैंकरों से पानी सूखाग्रस्त इलाकों में पहुंचाया जा रहा है. अकेले गया शहर में 101 टैंकरों से विभिन्न मुहल्लों में पानी सप्लाइ की जा रही है. इन टैंकरों की संख्या बढ़ाने के आदेश सीएम ने दिये हैं. इस दौरान मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गर्मी से निजात 22-23 जून के बाद ही मिल सकेगी. बिहार में मॉनसून भी इस समय आने की संभावना है. केरल में मॉनसून 6 जून तक आने की संभावना है. इस बैठक में कृषि तथा पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री संजय झा समेत अन्य मंत्री और अधिकारी मौजूद थे.
इसरो के साथ होगा एमओयू
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही इसरो के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर करेगा. इसके जरिये बाढ़, सूखाड़, चक्रवाती तूफान समेत किसी तरह की प्राकृतिक आपदा का रियल टाइम मॉनीटरिंग हो सकेगी.
पशु संसाधन विभाग जुटा तैयारी में
पटना : सूखे की स्थिति को देखते हुए पशु संसाधन विभाग तैयारी में जुट गया है. संभावित सुखाड़ व बाढ़ को देखते हुए हुए विभाग एक्शन प्लान में जुट गया है. पिछले दिनों पशुपालन निदेशक विनोद गुंजियाल ने विभाग के अधिकारियों व जिला पशुपालन पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. बैठक में सुखाड़ और बाढ़ दोनों पर समीक्षा हुई थी लेकिन प्राथमिकता सूखे की तैयारी को अभी देना है.
सूखे के दौरान पशुओं को पानी की किल्लत नहीं हो इसके लिए अभी 149 कैटल ट्रफ बनाया गया है. कैटल ट्रफ का निर्माण पीएचइडी ने कराया है. विभाग पशुओं के लिए शिविर भी बनायेगा ताकि धूप में पशु वहां आराम कर सकें. सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर शिविर को चालू कर दें . शिविर कैटल ट्रफ के नजदीक रहे या फिर शिविर के पास पानी का श्रोत रहे ताकि पशुओं के पानी पीने में दिक्कत नहीं हो. पशुओं के लिए चारा और दाना का भी इंतजाम करना है.
सूखे में पशु की देखभाल पर भी खास ध्यान
पशु एवं मत्स्य संसाधन प्रधान सचिव एन विजयलक्ष्मी ने कहा कि सूखा प्रभावित 175 प्रखंडों में कैटल ट्रफ (पशु को पानी पीने का बड़ा स्थान) बना दिया गया है. शेष जिलों में निर्माण चल रहा है. पशुओं की देखभाल के लिए सभी संबंधित जिलों में पशु चिकित्सालयों में दवाई समेत तमाम बंदोबस्त कर दिये गये हैं. पशुचारा और पानी का पूरा इंतजाम किया जा रहा है.
25 जिलों के 280 प्रखंड चिह्नित किये जा चुके हैं सूखाग्रस्त
चापाकल मरम्मत व जलाशय प्रबंधन पर तेजी से करें काम
30-35 हजार खराब पड़े चापाकलों को जल्द से जल्द ठीक कराने का आदेश
राज्य में 22-23 जून तक आ जायेगा मॉनसून
अब जोतदार किसानों को भी मिलेगा लाभ
कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने बताया कि 25 सूखाग्रस्त जिलों में 16 लाख 72 हजार किसानों के आवेदन सहायता राशि लेने के लिए आये हैं. इसमें अब तक 14 लाख 31 हजार किसानों के खाते में 931 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि अधिकतर जिलों में किसान बिहार फसल सहायता योजना और कृषि इनपुट सब्सिडी में किसी एक का ही लाभ लेते हैं. जबकि किसान दोनों का लाभ ले सकते हैं.
इसके अलावा अगर किसी जमीन पर सब्सिडी के लिए जोतदार और मालिक दोनों आवेदन करते हैं, तो जोतदार ही इसके पहले हकदार हैं. यह देखा गया है कि कई जिलों में सिर्फ जमीन मालिक को ही इसका लाभ मिला है. इसमें सुधार करने के लिए सभी जिलों को कहा गया है. उन्होंने कहा कि सूखे को देखते हुए इसके अनुकूल फसल लगाने के लिए भी कहा गया है.
प्रखंडों में बनाये जायेंगे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन
योजना एवं विकास विभाग के सचिव मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि सभी पंचायतों में रेनफॉल (बारिश) की समुचित मॉनीटरिंग के लिए ऑटोमेटिक रेनफॉल गेज और सभी प्रखंडों में मौसम की जानकारी प्राप्त करने के लिए ऑटोमेटिक वेदर (मौसम) स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इससे पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर पर मौसम और बारिश की समुचित मॉनीटरिंग की गयी है. हर समय का रियल टाइम डाटा मिल सकेगा, कहां कितनी बारिश हुई, कहां कितनी धूप हुई और कहां मौसम का मिजाज क्या रहा.
वर्तमान में यह तीन जिलों सुपौल, नालंदा और पूर्वी चंपारण में प्रयोग के तौर पर चलाया जा रहा है. परंतु आगामी एक वर्ष में इसे पूरे बिहार में स्थापित कर दिया जायेगा. इसका मुख्यालय के स्तर पर एक सेंटर भी खुलेगा, जिसमें वैज्ञानिक रहेंगे और पंचायतों-प्रखंडों से प्राप्त डाटा का अंतिम रूप से समीक्षा करके सटीक रिपोर्ट तैयार करेंगे.
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