पटना : बिहार में छठे चरण के तहत आठ लोकसभा सीटों पर रविवार को मतदान होगा. इस चरण में 1.38 करोड़ मतदाता नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल एक मंत्री और चार मौजूदा सांसदों समेत 127 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. कड़ी सुरक्षा के बीच शिवहर, वाल्मीकि नगर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, गोपालगंज, महाराजगंज और वैशाली लोकसभा सीटों पर मतदान होगा.
इन सीटों पर कुल 127 प्रत्याशी हैं जिनमें से 16 महिलाएं हैं. इस राज्य में 1.38 करोड़ मतदाता हैं जिनमें से 64.96 लाख महिलाएं और 476 ‘तृतीय लिंगी’ (थर्ड जेंडर) हैं. ये आठ सीटें राजग के लिए अहम हैं क्योंकि 2014 के चुनाव में भाजपा ने सात सीटें अपनी झोली में डाली थी जबकि एक सीट भाजपा के सहयोगी राम विलास पासवान की लोजपा ने जीती थी. भाजपा ने अपनी तीन जीती हुई सीटें वाल्मीकि नगर, सीवान, गोपालगंज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू को दे दी जो 2017 में राजग में लौट आए थे.
पूर्वी चंपारण से केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह मैदान में है. वह इस सीट का पांच बार से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. 69 वर्षीय भाजपा के वरिष्ठ नेता का मुकाबला आरएलएसपी के युवा उम्मीदवार आकाश सिंह से है जो उनसे उम्र में आधे से भी कम हैं. बहरहाल, राधा मोहन सिंह जीत के लिए अपनी अच्छी साख पर भरोसा कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने एलान किया है कि यह उनका आखिरी चुनाव है. इससे वह जनता को भावनात्मक रूप से रिझाने की कोशिश कर रहे हैं.
वहीं, पांच बार सांसद रह चुके राजद उम्मीदवार रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली सीट को लोजपा से छीनने के लिए मैदान में हैं. लोजपा ने इस सीट से मौजूदा सांसद माफिया डॉन और सियासतदान रामा सिंह की जगह वीना देवी को टिकट दिया है. वह पूर्व विधायक हैं और भाजपा से जुड़ी रही हैं. मौजूदा सांसद रामा देवी शिवहर पर कब्जा बरकरार रखने के लिए मैदान में है जहां उनका मुकाबला राजद के सैयद फैसल अली से है.
जेल में बंद राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप ने अली को टिकट देने के खिलाफ बगावत कर दी थी और सीट से अपने विश्वासपात्र अंगेश कुमार सिंह को उतार दिया था, लेकिन वह नामाकंन रद्द होने की वजह से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. सीवान स्थानीय बाहुबलियों की पत्नियों के बीच मुकाबले का गवाह बन रहा है. इस सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद ओम प्रकाश यादव को टिकट नहीं मिला, क्योंकि यह सीट जदयू के खाते में चली गयी जिसने स्थानीय विधायक कविता सिंह को टिकट दिया है जो अजय सिंह की पत्नी हैं.
जदयू ने आपराधिक मामलों में संलिप्पता को लेकर अजय सिंह को टिकट देने से इन्कार कर दिया था. राजद ने इस बार भी हीना शाहाब को टिकट दिया है. वह बीते दो चुनाव में हार का मुंह देख चुकी हैं. वह चार बार सांसद रह चुके जेल में बंद मोहम्मद शाहबुद्दीन की पत्नी हैं. वाल्मीकि नगर में भाजपा के सांसद सतीश चंद्र दूबे की जगह जदयू के बैद्यनाथ माहतो को टिकट मिला है जो 2009 में जीते थे. वहीं महागठबंधन में साझेदार कांग्रेस ने वाल्मीकि नगर से पूर्व मुख्यमंत्री और इंदिरा गांधी कैबिनेट में रेल मंत्री रहे केदार पांडे के पोते शाश्वत केदार को टिकट दिया है. आरक्षित सीट गोपालगंज पर जदयू के आलोक कुमार सुमन का मुकाबला राजद के सुरेंद्र राम से है.