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पटना : बिना शिक्षक के पीयू के कई यूजी-पीजी विभाग

अमित कुमार बीएन कॉलेज का इतिहास विभाग संभाल रहे राजनीतिशास्त्र के विभागाध्यक्ष पटना : पटना विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों के स्नातक (यूजी) विषयों के विभागों में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं है. वहीं, कुछ एक पीजी विभाग भी अब इस स्थिति तक पहुंच चुके हैं, जहां अब एक भी शिक्षक नहीं है. विडंबना यह है […]

अमित कुमार
बीएन कॉलेज का इतिहास विभाग संभाल रहे राजनीतिशास्त्र के विभागाध्यक्ष
पटना : पटना विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों के स्नातक (यूजी) विषयों के विभागों में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं है. वहीं, कुछ एक पीजी विभाग भी अब इस स्थिति तक पहुंच चुके हैं, जहां अब एक भी शिक्षक नहीं है. विडंबना यह है कि बीएन कॉलेज के इतिहास विभाग को पॉलिटिकल साइंस के विभागाध्यक्ष प्रो नुरूल होडा संभाल रहे हैं तो इसी तरह पीजी बांग्ला विभाग को पीजी साइकोलॉजी की अध्यक्ष प्रो पूनम सिंह संभाल रही हैं.
इसी तरह पटना कॉलेज में मैथ विभाग व उर्दू विभाग में एक भी शिक्षक नहीं हैं. इनको तो विभागाध्यक्ष भी नसीब नहीं है, वे बिना विभागाध्यक्ष के ही चल रहे हैं. मतलब न शिक्षक हैं और न ही विभागाध्यक्ष पूरा विभाग गेस्ट फैकल्टी या एडहॉक शिक्षक के सहारे चल रहा है. नये शिक्षक आयेंगे इस आस में छात्रों की आंखें अब पथराती जा रही हैं. वहीं कई ऐसे विभाग कतार में हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक हैं और आने वाले दिन में वहां भी यही हाल होने वाला है.
नयी बहाली पूरी नहीं होने से छात्रों को हो रही भारी परेशानी : करीब पांच वर्ष से शिक्षक बहाली की प्रक्रिया चल रही है लेकिन विवि को अब तक सिर्फ 65 शिक्षक मिले हैं. जबकि 155 शिक्षकों की बहाली होनी थी. वहीं इसके बाद भी अच्छी खासी संख्या में शिक्षक रिटायर होते चले जा रहे हैं. पीयू में 810 सैंक्शन सीट हैं लेकिन करीब तीन सौ शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं.
लगभग पांच सौ सीटें खाली हैं. इसमें प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफ्रेसर के पद भी हैं जिनपर कई दशकों से वैकेंसी नहीं आयी और वे खाली ही रहती हैं. वहां जो लेक्चरर के पद हैं उसकी वेकेंसी निकलने के बाद भी बहाली नहीं होने की वजह से परेशानी हो रही हैं. नयी सीटें भी शिक्षकों के रिटायर होने की वजह से खाली होती जा रहीं हैं और लगातार यह सिलसिला जारी है.
अविलंब बहाली हो
शिक्षकों की कॉलेजों में काफी कमी है और कई विभागों में तो एक भी शिक्षक नहीं हैं. एक शिक्षक पर तीन शिक्षकों का भार है. क्योंकि हर हाल में रूटीन तो पूरा करना ही है. इसके अतिरिक्त भी शिक्षकों को कई तरह के कार्य करने होते हैं. शिक्षकों की अविलंब बहाली होनी चाहिए.
प्रो रणधीर कुमार सिंह, पूटा अध्यक्ष, पीयू
कहीं एक भी शिक्षक नहीं तो कहीं एक या दो शिक्षकों से काम चल रहा है. आने वाले समय में वे भी खाली हो जायेंगे. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कोई शैक्षणिक संस्था को आप कितना भी खूबसूरत बना लें लेकिन बिना शिक्षक के वह आत्माविहीन है.
प्रो अभय कुमार, पूटा महासचिव, पीयू

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