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बिक्रम : लक्ष्य कम होने से नहीं हो रही धान की खरीद
बिक्रम : धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से क्षेत्र के किसान बेहाल हैं. गेहूं की फसल के लिए खाद-बीज, डीजल आदि की व्यवस्था करने का एकमात्र साधन उनकी उपज ही है, जिसे बेच कर किसान पैसे की व्यवस्था करते हैं, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद धान क्रय केंद्र नहीं खुले हैं. जानकारी हो […]
बिक्रम : धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से क्षेत्र के किसान बेहाल हैं. गेहूं की फसल के लिए खाद-बीज, डीजल आदि की व्यवस्था करने का एकमात्र साधन उनकी उपज ही है, जिसे बेच कर किसान पैसे की व्यवस्था करते हैं, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद धान क्रय केंद्र नहीं खुले हैं.
जानकारी हो कि इस वर्ष सुखाड़ घोषित किये जाने की घोषणा के बाद ही धान खरीद का लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में आधे से भी कम का लक्ष्य रखा गया है.
एक पैक्स अध्यक्ष ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि क्षेत्र में सुखाड़ का असर मात्र छह प्रतिशत ही है, किंतु शासन के लोग सुखाड़ को 30 प्रतिशत कर दिया है, इस कारण धान खरीद का लक्ष्य भी कम हो गया है, जबकि बीते वर्ष एक पंचायत में एक पैक्स द्वारा नौ हजार से दस हजार क्विंटल धान की खरीद की गयी थी. इस बार एक पंचायत में मात्र चार हजार से 45 सौ क्विंटल ही धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. इस स्थिति में अब किस किसान का धान खरीदें और किसका का नहीं. हालात ये हो गया है कि किसानों के खलिहान में धान पड़े हैं यदि धान की खरीद शुरू की जाती है तो मारपीट होने की संभावना है.
इस कारण जिले में किसी भी पैक्स द्वारा धान की खरीद नहीं की जा रही है. इधर, क्षेत्र के किसानों ने दो दिन पूर्व डाकबंगला प्रांगण में बैठक की थी. बैठक में निर्णय लिया गया था कि गुरुवार को सुबह दस बजे से ही शहीद चौक पर सड़क जाम करेंगे और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का काम करेंगे. यदि लक्ष्य नहीं बढ़ाया गया तो हम लोग सड़क से लेकर जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन करेंगे. किसान सत्येंद्र सिंह दतियाना गांव निवासी ने बताया कि कठिन परिश्रम से इस बार धान की फसल तैयार की गयी है.
लगभग 200 मन धान को बोर में भर कर खलिहान में रखा गया है की कब क्रय केंद्र खुले तो धान बेचा जा सके. धान की बिक्री नहीं होने से इस कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे धान की दिन रात रखवाली करनी पड़ती है. पैक्सों द्वारा धान की खरीद नहीं की जा रही है. बच्चों का स्कूल का सेशन बदल रहा है इसको लेकर पैसे की सख्त जरूरत आन पड़ी है. मजबूरन किसान बिचौलियों के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं, जिससे प्रति क्विंटल चार सौ से पांच सौ नुकसान होगा.
बोले पैक्स अध्यक्ष
पैक्स अध्यक्ष रितेश कुमार ने बताया कि इस बार धान का समर्थन मूल्य 1750 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इसमें पिछले वर्ष नौ से 10 हजार क्विंटल धान की खरीद की गयी थी, किंतु इस बार मात्र चार से साढ़े चार हजार क्विंटल ही लक्ष्य रखा गया है. कम लक्ष्य के करण धान की खरीद करने में असमर्थ हूं.जबकि किसानों के पास धान की उपज काफी है.
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