नयी दिल्ली/पटना : बिहार और उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उद्योग होने के बावजूद इन दोनों राज्यों से शिक्षा और रोजगार की तलाश में लोगों का पलायन सबसे ज्यादा होता है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो सालों में बिहार और उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उद्योग खोले गये. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार, मई 2016 से अगस्त 2018 के बीच बिहार में सर्वाधिक 5,88,200 छोटे उद्योग पंजीकृत हुए. इस अवधि में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के पंजीकरण के मामले में दूसरा स्थान 5,67,486 उद्योगों के साथ महाराष्ट्र का है. तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश (538697) है.
आरटीआई कार्यकर्ता रंजन तोमर के आवेदन पर मंत्रालय ने सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में मई 2016 से अगस्त 2018 के बीच शुरू किये गये सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उद्योगों की सूची उपलब्ध करायी है. इसके अनुसार, 26 मई 2016 से 26 अगस्त 2018 के दौरान पूरे देश में 43,27,293 सूक्ष्म, लघु एवं मंझोले उद्योग शुरू किये गये. आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश में लगभग एक चौथाई छोटे उद्योग शुरू हुए. हालांकि, छोटे उद्योगों की बहुलता के बावजूद इन दोनों राज्यों से रोजगार की तलाश में पलायन की दर भी सर्वाधिक है.
पलायन को लेकर सरकारी स्तर पर राज्यवार आंकड़ों के अभाव के बीच पिछले साल की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, साल 2011 से 2016 के बीच पांच साल में अंतरराज्यीय स्तर पर सालाना 90 लाख लोग शिक्षा एवं रोजगार के लिये एक राज्य से दूसरे राज्य में गये. रिपोर्ट के अनुसार, इनमें सर्वाधिक पलायन उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के लिये हुआ. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गुजरात 4,33,654 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तरीय उद्योगों की शुरुआत के मामले में चौथे स्थान पर है. वहीं, इस मामले मेंकेंद्र शासित राज्यों में दिल्ली 54,395 छोटे उद्योगों की शुरुआत के साथ अव्वल है. जबकि, क्षेत्रफल के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में बीते दो सालों के दौरान 2,64,496 छोटे उद्योग शुरू हुए हैं.