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बिहार में अपनी खोयी विरासत हासिल करने की तैयारी में जुटे वाम दल
सत्ता संग्राम : महागठबंधन में कई दलों के साथ मिल कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं वाम दल कृष्ण कुमार पटना : बिहार में वाम दल अपनी खोयी विरासत फिर से हासिल करने के लिए अन्य दलों के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, गरीबों-दलितों […]
सत्ता संग्राम : महागठबंधन में कई दलों के साथ मिल कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं वाम दल
कृष्ण कुमार
पटना : बिहार में वाम दल अपनी खोयी विरासत फिर से हासिल करने के लिए अन्य दलों के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, गरीबों-दलितों का हक व संरक्षण, बेरोजगारी, सामाजिक विषमता सहित अन्य मुद्दों पर लगातार जनांदोलन और रैलियां की जा रही हैं. इसी क्रम में आगामी 25 अक्तूबर को भाकपा ने ‘भाजपा भगाओ देश बचाओ रैली’ का आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया है. पिछले दिनों पटना के गांधी मैदान में भाकपा माले ने भी दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में एक रैली किया था.
25 अक्तूबर की रैली में बिहार के सभी छह प्रमुख वाम दल सहित कांग्रेस से राहुल गांधी और राजद से तेजस्वी यादव के शामिल होने की संभावना है. वामदलों में भाकपा, भाकपा माले, माकपा, आरएसपी, एसयूसीआई और फॉरवर्ड ब्लॉक शामिल हैं. इस महागठबंधन से वामदलों को कितना राजनीतिक फायदा होगा? इस बारे में जानकारों का कहना है कि वैश्वीकरण और उदारीकरण के दौर में गरीबों और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं.
ये हालात वामदलों को फिर से उनकी जमीन वापस करने का मौका दे सकते हैं. प्रदेश में जातीय गणित पर मिलने वाली जीत के बारे में जानकारों का कहना है कि वामदल यदि सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आंकड़ों के आधार पर रणनीति बनाकर अपने एजेंडे पर आगे बढ़ें तो बेहतर हालात बन सकते हैं.
वाम दलों का पिछले विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन
क्या कहते हैं राजनीतिक दल
भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार और भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ वाम एकता और महागठबंधन को आज की जरूरत बताया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार से लोग परेशान हैं. ऐसे में महागठबंधन में लोगों का भरोसा बढ़ रहा है. महागठबंधन में अभी सीट शेयरिंग को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. समय आने पर सबकुछ स्पष्ट हो जायेगा.
साल सीटें
भाकपा माकपा भाकपा (माले)
1990 23 6 7 (आईपीएफ)
1995 26 6 6
2000 2 2 5
फरवरी, 2005 3 1 7
अक्तूबर, 2005 3 1 5
2010 1 0 0
2015 0 0 3
(1990 में भाकपा (माले) के उम्मीदवारों ने इंडियन पीपुल्स फ्रंट के बैनर तले चुनाव लड़ा था)
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