पटना: परिचालन लंबा होने के बाद गरीब रथ व मगध एक्सप्रेस लेट के ट्रैक पर पहुंच गयी है. बिगड़े शिड्यूल के कारण दोनों ट्रेनों की इमेज यात्रियों के बीच बैड ट्रेन की बन गयी है. दोनों ट्रेनें 24 घंटे की देरी से खुल रही हैं. यात्री टिकट लौटा रहे हैं और यात्र प्रभावित होने के कारण रेलवे सेवा को कोस भी रहे हैं. गरीब रथ एक्सप्रेस का खतरनाक पहलू यह है कि देरी की वजह से 6 घंटे का निर्धारित मैकनाइज क्लीनिंग दो घंटे में निबटायी जा रही है.
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में गरीबों को सस्ते में एसी से सफर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गरीब रथ एक्सप्रेस का परिचालन शुरू किया गया था. शुरुआत तीन रूटों दरभंगा-दिल्ली, जयनगर-कोलकाता व राजेंद्रनगर- आनंद विहार से हुई थी. करीब एक साल पहले राजेंद्रनगर-आनंद विहार ट्रेन का परिचालन बढ़ा कर भागलपुर-आनंद विहार कर दिया गया. परिचालन लंबा होने के बाद इसका शिड्यूल पूरी तरह से बिगड़ गया. पाटलिपुत्र के राहुल बताते हैं कि वह अक्सर गरीब रथ से यात्र करते हैं, लेकिन कभी पटना में राइट टाइम नहीं मिली. करबिगहिया के रामकिंकर शर्मा व राजेंद्र कुमार ने बताया कि कई बार टिकट लिया, लेकिन देरी की वजह से कैंसिल कराना पड़ा. यही हाल मगध एक्सप्रेस का है. यह ट्रेन भी पहले पटना से खुलती थी, लेकिन अब इस्लामपुर से खुलती है. पहले वीआइपी ट्रेन में गिनी जानेवाली मगध से अब लोग यात्र करने से परहेज करते हैं. यह ट्रेन लगातार लेट हो रही है.
क्या है मैकनाइज क्लीनिंग : ट्रेनों के लेट परिचालन का प्रभाव उनके मेंटेनेंस पर भी पड़ रहा है. दिल्ली से आनेवाली डाउन ट्रेन की यार्ड में मैकनाइज क्लीनिंग (साफ-सफाई व मेंटेनेंस) के लिए 6 घंटे का समय निर्धारित है. इस दौरान धुलाई, सफाई व मरम्मत का कार्य होता है. एसी कोच को सफर के लिए तैयार करने के लिए तीन घंटे का समय लगता है. लेकिन, डाउन में ट्रेन लेट होने से मैकनाइज क्लीनिंग महज दो से तीन घंटे में पूरी कर ली जा रही है. फिर इसी रैक को अप में लगा दिया जा रहा है. मेंटेनेंस में लापरवाही सुरक्षा से जुड़ा मसला है इसलिए इसे नजरअंदाज कराना मुश्किल में डाल सकता है.