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सूबे में बढ़ जायेंगे करीब 25 हजार नये मतदान केंद्र
वर्तमान में 1600 मतदाता पर एक मतदान केंद्र अधिसूचित है. चूंकि आगामी लोकसभा चुनाव में सभी बूथों पर वीवीपैट का इस्तेमाल होना है. एक वीवीपैट से अधिकतम 1500 पर्ची ही निकाली जा सकती है. इसमें भी 100 पर्ची मॉक पोल में ही खत्म हो जाती है. अधिकतम 1400 पर्ची ही मतदान में इस्तेमाल हो सकती […]
वर्तमान में 1600 मतदाता पर एक मतदान केंद्र अधिसूचित है. चूंकि आगामी लोकसभा चुनाव में सभी बूथों पर वीवीपैट का इस्तेमाल होना है.
एक वीवीपैट से अधिकतम 1500 पर्ची ही निकाली जा सकती है. इसमें भी 100 पर्ची मॉक पोल में ही खत्म हो जाती है. अधिकतम 1400 पर्ची ही मतदान में इस्तेमाल हो सकती है. इसको ध्यान में रखते हुए नये मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1400 निश्चित कर बूथों के रेशनेलाइजेशन के निर्देश दिये गये हैं.
मतदान केंद्रों के बढ़ने के साथ ही निर्वाचन आयोग की परेशानी भी बढ़ेगी. हर मतदान केंद्र की आधारभूत व्यवस्था के साथ ही वहां पर पोलिंग पार्टी, सुरक्षा व्यवस्था, आवागमन आदि तमाम व्यवस्थाओं पर अतिरिक्त खर्च आयेगा. इसको लेकर भी आयोग सजग है.
सीईओ ने 25 तक मांगी मतदान केंद्रों की अंतिम सूची
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) एचआर श्रीनिवास ने रेशनेलाइजेशन कार्यक्रम के तहत 25 जुलाई तक जिलों से मतदान केंद्रों की अंतिम सूची तलब की है. इसके पहले जिलों में प्रकाशित मतदान केंद्रों के प्रारूप पर राजनीतिक दलों के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ 16 से 20 जुलाई तक दूसरे दौर की बैठक का कार्यक्रम भी तय है.
जून से ही चल रहे रेशनेलाइजेशन कार्यक्रम में अब तक नये पैटर्न पर मतदान केंद्रों का प्रारूप प्रकाशित करते हुए उस पर दावा-आपत्तियां लेकर उसका निष्पादन कर लिया गया है. इसके बाद ही जिलों ने अपने यहां 600 से 700 नये मतदान केंद्रों के गठन की आवश्यकता की जानकारी दी है.
मालूम हो कि 31 जुलाई तक नये मतदान केंद्रों का प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाना है, जहां से सात अगस्त तक इस पर सहमति मिलने की उम्मीद है.
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