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जीएसटी से अनजान हैं बिहार के विद्यार्थी, विश्वविद्यालयों के कॉमर्स पाठ्यक्रम में अभी तक जीएसटी शामिल नहीं
यूजीसी ने जीएसटी का अध्ययन किया है अनिवार्य पटना : जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू हुए एक साल हो गये. विश्वविद्यालयों और उनके कॉलेजों में चलने वाले कॉमर्स के सिलेबस में जीएसटी को लेकर अब चैप्टर भी अनिवार्य है, लेकिन अब तक बिहार के विश्वविद्यालयों व संबंधित कॉलेजों के कॉमर्स सिलेबस में जीएसटी आधारित […]
यूजीसी ने जीएसटी का अध्ययन किया है अनिवार्य
पटना : जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू हुए एक साल हो गये. विश्वविद्यालयों और उनके कॉलेजों में चलने वाले कॉमर्स के सिलेबस में जीएसटी को लेकर अब चैप्टर भी अनिवार्य है, लेकिन अब तक बिहार के विश्वविद्यालयों व संबंधित कॉलेजों के कॉमर्स सिलेबस में जीएसटी आधारित अध्ययन सामग्री शामिल नहीं है. जानकारी के मुताबिक जीएसटी को यूजी कॉमर्स में जोड़ना जरूरी है.
गौरतलब है कि जीएसटी आने के बाद से ही यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कॉमर्स विषयों में जीएसटी शामिल करने को कहा था.
यूजीसी ने देश में चल रहे समसामयिक विषयों को भी सिलेबस में शामिल करने को कहा गया था. देश की इकोनॉमी को व्यवस्थित करने के लिए पिछले एक साल में कई परिवर्तन हुए हैं. उसकी जानकारी युवाओं को होनी चाहिए, ताकि इन विषयों में स्टूडेंट्स को दक्ष बनाया जा सके. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हायर एजुकेशन में कॉमर्स और अर्थशास्त्र के सिलेबस में जीएसटी को शामिल करने को कहा गया था.
नये बन रहे सिलेबस में है जीएसटी : वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो बीएन पांडेय ने कहा कि कॉलेज में अभी स्टूडेंट्स इनडायरेक्ट टैक्स ही पढ़ रहे हैं, लेकिन अब यूजी कॉमर्स में इनको जीएसटी पढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि इनडायरेक्ट टैक्स इतिहास हो जायेगा, लेकिन इतिहास को जानना भी जरूरी है. अभी नये सिलेबस का इंतजार है. देखना है कि नये सिलेबस में क्या-क्या नया जुटा है.
सभी को जीएसटी की जानकारी होनी चाहिए : पीयू डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो एनके झा ने कहा कि जीएसटी लागू होने से सिलेबस में भी बदलाव होना चाहिए. बिहार के किसी भी यूनिवर्सिटी में बीकॉम सिलेबस में अप्रत्यक्ष कर पढ़ने की अब जरूरत नहीं है. उसकी जगह अब बीकॉम के साथ एमकॉम के लिए भी जीएसटी का ज्ञान जरूरी है. नये सिलेबस का इंतजार है.
राजभवन के निर्देश पर तैयार हुआ है सिलेबस
कॉमर्स में नये विषयों का समावेश हुआ है. इसमें जीएसटी, एफडीआई के साथ अन्य कोर्स देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के सिलेबस में शामिल हो गया है, लेकिन अभी बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इसे विस्तृत रूप से शामिल नहीं किया गया है. वैसे राजभवन ने विभिन्न विश्वविद्यालयों को विभिन्न विषयों के सिलेबस तैयार करने का जिम्मा दिया है.
कॉमर्स का सिलेबस ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी तैयार किया है. ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी कॉमर्स पीजी हेड डॉ विभूति भूषण लाल दास कहते हैं कि यूजी कॉमर्स के सिलेबस में जीएसटी को शामिल किया गया है. पीजी में इसे शामिल नहीं किया गया है. यूजी कॉमर्स के सिलेबस में जीएसटी को जोड़ दिया गया है, लेकिन अभी सिलेबस लागू नहीं किया गया है.
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