सीआईडी ने गृह विभाग को भेजा प्रस्ताव
पटना : किसी घटना या मामलों का वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान करने में एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. इसकी बढ़ती जरूरत को देखते हुए मुजफ्फरपुर और भागलपुर में इसकी एक-एक यूनिट स्थापित की गयी हैं.
इनके मद्देनजर एफएसएल का पूरा स्वरूप बदलने जा रहा है. एफएसएल में बड़े स्तर पर खाली पड़े और नये पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इसमें जूनियर से लेकर सीनियर स्तर तक करीब 100 वैज्ञानिकों की बहाली की जायेगी. जूनियर स्तर के वैज्ञानिक की बहाली राज्य एसएससी (स्टेट स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) और सीनियर स्तर पर बहाली बीपीएससी के माध्यम से की जायेगी.
सीआईडी के स्तर से इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करके गृह विभाग को भेज दिया गया है. विभागीय अनुमति मिलने के बाद बहाली की प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित आदेश जारी कर दिया जायेगा. इसके बाद पुलिस मुख्यालय बीपीएससी और एसएससी दोनों को बहाली की प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित अधियाचना जारी कर देगा.
एफएसएल में हुए बदलाव के तहत पटना के अलावा मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भी एक-एक निदेशक का पद होगा. इसके अलावा पटना सेंटर में तीनों निदेशकों के ऊपर एक निदेशक प्रमुख का पद होगा. सभी निदेशकों की नियुक्ति भी जल्द ही राज्य सरकार के स्तर पर की जायेगी. हालांकि, भागलपुर और मुजफ्फरपुर दोनों सेंटरों पर चार-पांच स्टॉफ तैनात हैं.
लेकिन इतनी संख्या में कर्मियों की तैनाती इसकी कार्य प्रणाली के लिए पर्याप्त नहीं है. इस वजह से अतिरिक्त संख्या में कर्मियों की बहाली शुरू करने की तैयारी शुरू हो गयी है. सभी स्तर पर बहाली पूरी होने के बाद तीनों स्थानों पर मौजूद एफएसएल की यूनिट सही तरीके से काम करने लगेगी. इससे किसी संदिग्ध मामले खासकर हत्या से जुड़े मामले की जांच वैज्ञानिक तरीके से हो सकेगी, जिससे सही दोषी पकड़े जा सके.