पटनाः प्रसिद्ध समाजसेवी और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् की पूर्व सदस्य अरुणा राय ने आज इस बात से इंकार किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सप्रंग अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच मतभेद होने को लेकर कोई बात कही थी.
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए राय ने मीडिया के कुछ वर्ग द्वारा उनकी बातों को तोड़मरोड़कर पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सप्रंग अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच मतभेद होने को लेकर कोई बात नहीं कही थी.
राय ने कहा कि उन्होंने सप्रंग सरकार और नेशनल एडवाईजरी काउंसिल के अलग-अलग मत होने की बात कही थी और कहा था कि एक के द्वारा विकास और बाजार से जुडी चीजों की बात की जाती है जबकि दूसरे की राय सामाजिक क्षेत्र के मदद को लेकर है.
‘भारतीय लोकतंत्र में पारदर्शिता की चुनौतियां और जवाबदेही’ विषय पर आज यहां आयोजित एक परिचर्चा में भाग लेने पहुंची राय ने अपने संबोधन में कहा कि तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित कर तथा सार्वजनिक जीवन में जो हम कहते हैं और करते हैं उसके अंतर को पाटने पर ही लोकतंत्र जिंदा रह सकता है.
उन्होंने राजनीतिक दलों, धार्मिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक आंदोलनों, प्रेस सहित अन्य संस्थानों की आय के स्नेत को सार्वजनिक किए जाने की मांग करते हुए कहा कि अगर सूचना के अधिकार के तहत इनके बारे में कोई जानकारी मांगी जाती है तो उसे उपलब्ध कराया जाए.