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बिहार : सांसदों ने की 26 हजार योजनाओं की अनुशंसा, सिर्फ 17 हजार ही स्वीकृत
एमपी फंड. 800 करोड़ रुपये है मिलना, केंद्र से Rs 540 करोड़ ही मिले पटना : राज्य से लोकसभा में 40 सांसदों और राज्यसभा के 16 सांसदों ने जनता के विकास के लिए अपने क्षेत्र विकास योजना (एलएडी) फंड का उपयोग किया है. वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान लोकसभा के सभी सांसदों को […]
एमपी फंड. 800 करोड़ रुपये है मिलना, केंद्र से Rs 540 करोड़ ही मिले
पटना : राज्य से लोकसभा में 40 सांसदों और राज्यसभा के 16 सांसदों ने जनता के विकास के लिए अपने क्षेत्र विकास योजना (एलएडी) फंड का उपयोग किया है.
वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान लोकसभा के सभी सांसदों को 800 करोड़ रुपये केंद्र से मिलने का प्रावधान है, लेकिन इसमें 540 करोड़ रुपये ही केंद्र सरकार से प्राप्त हुए हैं. शेष रुपये अब तक नहीं मिले हैं. इसी तरह राज्यसभा के 16 सांसद के विकास फंड के मद में केंद्र से 450 करोड़ मिलने थे, लेकिन आये 251 करोड़ रुपये ही.
अलग-अलग विकास कार्यों के लिए मिले इन रुपये को किसी सांसद ने एक या दो बड़ी योजना में ही खर्च कर दिये हैं, तो किसी ने दर्जनों विकासात्मक योजनाओं में इन रुपये को खर्च किया है. लोकसभा के 40 सांसदों ने इस दौरान अपने फंड को खर्च करने के लिए 26 हजार 397 योजनाओं की अनुशंसा की, जिसमें 17 हजार 543 योजनाएं ही स्वीकृत हुईं. यह कुल योजना का 89.58 या 90 प्रतिशत है.
नौ सांसद ऐसे हैं, जिनकी 65 फीसदी योजनाएं स्वीकृत हुईं
लोकसभा के एमपी को प्रत्येक वर्ष अपने क्षेत्र में काम कराने के लिए पांच करोड़ रुपये मिलते हैं.इसके अंतर्गत कार्य कराने के लिए योजनाओं की अनुशंसा सांसद की तरफ से की जाती है. इसमें कई स्तर पर तय पैमाने के आधार पर ही योजनाओं को परखने के बाद इन्हें जिला स्तर पर स्वीकृत करते हुए इनका कार्य शुरू कराया जाता है. 40 में नौ सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने अपने सांसद निधि से जितनी योजनाओं की अनुशंसा की, उसकी 65 फीसदी योजनाएं ही स्वीकृत हो पायी हैं.
इसमें जमुई सांसद चिराग पासवान, वीणा देवी
(मुंगेर), बूलो मंडल (भागलपुर), गिरिराज सिंह (नवादा), डॉ अरुण कुमार (जहानाबाद), नित्यानंद राय (उजियारपुर, समस्तीपुर), राधामोहन सिंह (मोतिहारी), राजीव प्रताप रूढ़ी (सारण) और राजकुमार सिंह (आरा) शामिल हैं.
मीसा व राम जेठमलानी ने कोई अनुशंसा नहीं की
राज्यसभा सांसद में मीसा भारती, राम जेठमलानी और गोपाल नारायण सिंह ऐसे हैं, जिन्होंने अपने फंड से किसी योजना की न तो अनुशंसा की है और न ही उनकी स्वीकृति ही हो पायी है. इस वजह से इनका खर्च भी शून्य है. हालांकि, सांसद गोपाल नारायण सिंह ने अपनी पिछली योजनाओं में 2.68 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं, इस वजह से इनका खर्च शून्य नहीं दिखा रहा है.
कई सांसद ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक या दो योजना में ही अपनी पूरी राशि स्वीकृत कर दी है. इस वजह से इनकी योजनाओं की संख्या अन्य सांसदों की तुलना में काफी कम है, लेकिन राशि का खर्च करोड़ों में है. कई सांसद ने अपनी निधि से छोटी-बड़ी मिला कर दर्जनों योजनाओं की अनुशंसा की है.
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