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तिहरे हत्याकांड में सात को उम्रकैद

पटना सिटी : गायघाट स्थित व्यवहार न्यायालय में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमरूल होदा की अदालत ने तिहरे हत्याकांड के मामले में दो भाइयों समेत सात को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही अभियुक्तों पर पंद्रह-पंद्रह हजार की राशि का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना नहीं चुकाने की स्थिति में छह माह […]

पटना सिटी : गायघाट स्थित व्यवहार न्यायालय में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमरूल होदा की अदालत ने तिहरे हत्याकांड के मामले में दो भाइयों समेत सात को आजीवन कारावास की सजा सुनायी.
साथ ही अभियुक्तों पर पंद्रह-पंद्रह हजार की राशि का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना नहीं चुकाने की स्थिति में छह माह के अतिरिक्ति करावास की सजा भुगतनी होगी. इतना ही नहीं अदालत ने तीन अभियुक्तों संजय यादव, दिलीप यादव व सुधीर यादव को आर्म्स एक्ट में दोषी मानते हुए पांच-पांच वर्ष की सजा व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
जुर्माना अदा नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. दरअसल, खाजेकलां थाना क्षेत्र के हमाम मुहल्ला में हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में यह सजा सुनायी गयी है. जिन लोगों को सजा सुनायी गयी है, उनमें खाजेकलां थाना के बक्शी मोहल्ला निवासी दिलीप यादव, सुधीर यादव, मुकेश यादव उर्फ मंटू, संजय यादव, विनोद यादव उर्फ विंडो, हमाम मुहल्ला निवासी मनोज सिंह व दिनेश सिंह हैं. मनोज व दिनेश दोनों सगे भाई हैं.
क्या है मामला
29 अगस्त, 2012 की रात लगभग दस बजे हमाम निवासी मंटू राय का पुत्र गौरीशंकर उर्फ बऊआ वादी गुरहट्टा निवासी सोनी लाल उर्फ शशि भूषण यादव के घर आया और कहा कि मनोज भैया बुला रहे हैं, अजीत भैया के केस के सुलह करने के लिए. वादी अपने पुत्र अमित कुमार उर्फ लालू, अजीत व गौरीशंकर साथ चल दिया. रास्ते में वादी के कारखाना में काम करने वाला लड़का धीरज भी मिल गया. वह भी वादी के साथ हमाम मुहल्ला आया. वहां जाने पर आरोपितों ने अमित कुमार उर्फ लालू, अजीत व धीरज पर ईंट-पत्थर व लाठी से प्रहार शुरू कर दिया.
इसके बाद पिस्तौल निकाल कर धीरज, अजीत व अमित को गोली मार दी. गोली लगने से अजीत व धीरज की मौत घटनास्थल पर हो गयी, जबकि अमित उर्फ लालू की मौत उपचार के दौरान अस्पताल में हो गयी थी. इस मामले में शिकायतकर्ता गुरहट्टा निवासी सोनी लाल उर्फ शशि भूषण यादव ने खाजेकलां थाना कांड संख्या 137/12 में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
दर्ज प्राथमिकी में डेढ़ दर्जन लोगों को आरोपित किया गया था. उसी मामले में सजा सुनायी गयी. अभियोजन पक्ष से एपीपी गुरमीत सिंह व सूचक की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार ने बहस की थी. सूचक ने पुलिस को बताया था कि पूर्व में भतीजा विजय यादव की हत्या हुई थी, इसके साथ भतीजा की पत्नी पर भी जानलेवा हमला हुआ था. दोनों कांड की प्राथमिकी खाजेकलां थाना में दर्ज थी.

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