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बिहार : नशा छूटा, तो तंगहाली का हुआ एहसास, करने लगा काम, घर में लौटी खुशी

दुल्हिनबाजार : शराबबंदी होते ही मेरे जीवन की सारी खुशियां लौट आयी हैं यह कहना है दुल्हिनबाजार के नरही गांव निवासी वीरेंद्र मिस्त्री का. उसने कहा कि शराबबंदी से पहले सुबह में ही शराब की खोज में निकल पड़ता था. अब शराब छोड़ने के बाद सुबह होते ही काम की तलाश में निकल पड़ता हूं. […]

दुल्हिनबाजार : शराबबंदी होते ही मेरे जीवन की सारी खुशियां लौट आयी हैं यह कहना है दुल्हिनबाजार के नरही गांव निवासी वीरेंद्र मिस्त्री का. उसने कहा कि शराबबंदी से पहले सुबह में ही शराब की खोज में निकल पड़ता था. अब शराब छोड़ने के बाद सुबह होते ही काम की तलाश में निकल पड़ता हूं. अब उसे काम भी मिलने लगा है. फर्नीचर बनाने का काम कर वह हर रोज 400 रुपये कमा रहा है. उसके घर की आिर्थक स्थिति में सुधार हुआ है.
बढ़ई मिस्त्री का काम कर हर रोज चार सौ रुपये कमा लेता है वीरेंद्र
पहले होता था पत्नी से झगड़ा
वीरेंद्र मिस्त्री का कहना है कि शादी के पूर्व से ही शराब की हल्की लत लग गयी थी. धीरे-धीरे वह शराब का आदी हो गया. बिना शराब पीये उसे चैन नहीं मिलता. इसलिए वह सुबह होते ही मयखाना पहुंच जाता और नशे में धुत होकर लौटता था. इस कारण पत्नी से झगड़ा भी हाेता था. पत्नी उसे बार-बार उलाहने देती कि सारा पैसा शराब में उड़ा देते हो चार बेटियों और दो बेटों की परवरिश कैसे करोगे. घर-परिवार व आसपास के लोग उससे दूर ही रहते थे. स्थिति यह थी उसके बेटे और बेटियां भी उससे बात करने से डरते थे.
नशा छूटा, तो तंगहाली का एहसास हुआ
वीरेंद्र मिस्त्री ने बताया कि जब बिहार में शराबबंदी की घोषणा हुई, तो शराब मिलनी बंद हो गयी. शराब नहीं मिलने पर उसकी शराब पीने की आदत छूट गयी. उसने अपने पिता रामबरन मिस्त्री से बचपन में ही फर्नीचर का काम करना सीखा था. जब वह नशे से दूर हुआ तो घर की गरीबी व अपने बच्चों की मुश्किलों का एहसास हुआ.
वह सुबह होते की काम की तलाश में भटकने लगा, पर शुरुआत में उसे काम नहीं मिला. इसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी. धीरे-धीरे उसे काम मिलने लगा. उसकी कारीगरी से लोग धीरे-धीरे प्रभावित होने लगे. आज उसके पास काम की कमी नहीं है. लोग उसके घर आकर काम देते हैं. इस तरह वह हर रोज चार-पांच सौ रुपये कमा रहा है.
बच्चे जाने लगे स्कूल
उसकी बेटियां गुंजा कुमारी, चांदनी कुमारी, सलोनी कुमारी व शिखा कुमारी के अलावा दो पुत्र प्रीतम कुमार व राजा कुमार स्कूल पढ़ने जाने लगे. वीरेंद्र का कहना कि पैसे जमा होते ही वह अपनी दुकान खोल लेगा. वहीं, वीरेंद्र की पत्नी रानी देवी शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुणगान करती है. उसने कहा कि शराबबंदी होने से मेरी उजड़ रही दुनिया बस गयी. मेरे जैसे बहुत से परिवारों में सुख-शांति लौट आयी है.

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