पटना: नगर निगम ने भले ही दो साल से नक्शा पास करने पर रोक लगा रखी हो, लेकिन इस दौरान निर्माण कार्य जारी रहा. बिल्डिंग बाइलॉज के मुताबिक किसी भी नये निर्माण या फिर पुराने निर्माण में फेरबदल के लिए निगम प्रशासन की सहमति अनिवार्य है.
मार्च 2012 में प्लानिंग रिपोर्ट निर्गत पर रोक के बाद से लेकर अब तक पटना शहरी क्षेत्र में 75 हजार नये दस्तावेजों का निबंधन हुआ है. यह आंकड़ा फ्लैट की रजिस्ट्री के अतिरिक्त है. इनमें अधिकतर जमीन रजिस्ट्री के तौर पर निबंधित हुई. जिन पर मकान बनाये जाने थे, लेकिन नक्शा निर्गत नहीं हो सका. आवेदकों ने नक्शा पास के इंतजार किये बिना ही मकान बनाना शुरू कर दिया. आम तौर पर शहर में बने भवन का अंदाजा होल्डिंग से होता है. शहर की आबादी लगभग बीस लाख है, जिसके विरुद्ध करीब दो लाख होल्डिंग ही नगर निगम के पास हैं.
बड़ी संख्या में अब भी लोग होल्डिंग टैक्स जमा नहीं करते. आम तौर पर बिजली कनेक्शन सभी घरों में होता है. पटना शहर में करीब चार लाख बिजली कनेक्शन हैं, जबकि उसके मुकाबले मात्र दो लाख लोग ही होल्डिंग टैक्स अदा कर रहे हैं.
जांच के दायरे में होंगे ऐसे भवन : निगम अधिकारियों की मानें, तो आने वाले दिनों में ऐसे बने भवन जांच के दायरे में होंगे. अपार्टमेंट की जांच पूरी होने के बाद निगम प्रशासन अभियान चलायेगा. नक्शा के विपरित बने भवन को तोड़े जाने के साथ ही उन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई हो सकती है.