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बिहार : महिला हिंसा के टॉल फ्री नंबर पर लोग खोज रहे रोजगार

जागरूकता का अभाव : तीन सालों में आये कॉल में से आधे कॉल सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए आये पटना : महिला हिंसा के लिए बनाया गया टॉल फ्री नंबर अब सरकारी योजनाओं और रोजगार की जानकारी लेने का नंबर बन चुका है. पिछले तीन सालों में टॉल फ्री नंबर 181 पर 2,84,412 […]

जागरूकता का अभाव : तीन सालों में आये कॉल में से आधे कॉल सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए आये
पटना : महिला हिंसा के लिए बनाया गया टॉल फ्री नंबर अब सरकारी योजनाओं और रोजगार की जानकारी लेने का नंबर बन चुका है. पिछले तीन सालों में टॉल फ्री नंबर 181 पर 2,84,412 लोगों ने कॉल किया. इनमें से 1,05,748 हजार कॉल योजनाओं के संबंध में की गयी है.
यानी कि जितने कॉल आये उसमें से आधे कॉल रोजगार की जानकारी को लेकर आया. वहीं, 86,164 कॉल हिंसा से संबंधित कानून आदि की जानकारी को लेकर आये हैं, वहीं हिंसा से संबंधित मात्र 2500 कॉल आये. इनमें 956 कॉल ही पंजीकृत किये गये. इनमें से 936 का तत्काल समाधान किया गया है. शेष पर कार्रवाई जारी है. 90 हजार कॉल ड्रॉप हो गये.
24 घंटे काम
बेली रोड स्थित महिला विकास निगम के कार्यालय में टॉल फ्री नंबर 181 का कंट्रोल रूम स्थापित है. टॉल फ्री नंबर 181 पर 24 घंटे काम करता है.
इसमें पूरे 16 लोगों की टीम काम कर रही है. शिफ्ट वाइज लोगों की ड्यूटी होती है. दिन में टेली काउंसेलर के रूप में महिलाएं काम कर रही हैं. वहीं, रात के शिफ्ट में पुरुष काउंसेलर काम करते हैं. कॉल आने के साथ कॉल रजिस्टर में दर्ज किये जाते हैं. साथ ही यदि किसी महिला को किसी तरह की परेशानी होती है, तो उसके कॉल को सीधे नियरेस्ट पुलिस स्टेशन को फाॅरवर्ड कर दिया जाता है, जहां से पुलिस पीड़िता को तत्काल मदद के लिए पहुंचती है.
असुविधाओं में काम कर रही है हेल्पलाइन
हिंसा से पीड़ित महिलाआें को न्याय दिलाने के उद्देश्य से कार्यरत महिला हेल्पलाइन अभावग्रस्त हालत में किसी तरह संचालित है. दो महिला काउंसेलर और परियोजना प्रबंधक के सहारे महिला हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा है. कंप्यूटर ऑपरेटर का पद बीते तीन महीने से रिक्त पड़ा है.
वहीं, दो अतिरिक्त काउंसेलरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी तीन साल से लंबित है. घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय मिले. इसके सभी जिले में सर्विस प्रोवाइडर के रूप में प्रोटेक्शन ऑफिसर की स्थाई नियुक्ति की जानी है पर बीते 12 वर्षों से नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. महिला हेल्पलाइन में कार्यरत परियोजना प्रबंधक को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

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