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बिहार : 10 फीसदी तक बढ़ सकता है जमीन का सरकारी रेट, …जानें किन-किन इलाकों के बढ़ेंगे सर्किल रेट
पटना : अगले वित्तीय वर्ष में जमीन का सर्किल रेट (जमीन का सरकारी रेट) बढ़ाये जाने की पक्की तैयारी है. दो साल से पटना शहर में सर्किल रेट लगभग स्थिर है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक रेट में करीब 10% का इजाफा संभव है.दो साल बाद अब फिर से जमीन के सरकारी एमवीआर (मिनिमम वैल्यू रेट) […]
पटना : अगले वित्तीय वर्ष में जमीन का सर्किल रेट (जमीन का सरकारी रेट) बढ़ाये जाने की पक्की तैयारी है. दो साल से पटना शहर में सर्किल रेट लगभग स्थिर है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक रेट में करीब 10% का इजाफा संभव है.दो साल बाद अब फिर से जमीन के सरकारी एमवीआर (मिनिमम वैल्यू रेट) को रिवाइज करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. यह रिवाइज बाजार मूल्य के आधार पर किया जा रहा है. 2016 के बाद से अब तक जिले के सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किये जाने से लोगों को राहत मिली थी. वहीं, अब जमीन की बढ़ती कीमत और रियल एस्टेट में आयी तेजी को देखते हुए दो साल बाद फिर से जमीनों का नया रेट निर्धारित किया जाना है. इसकी तैयारी जिला स्तर पर चल रही है. 1990 से 2005 तक पटना में जीरो अर्बन गवर्नेंस की स्थिति रही. 2005 के बाद पटना शहर प्रॉपर्टी के लिहाज से रियल एस्टेट हेवन में तब्दील हो गया. हालांकि बीच में नोटबंदी ने इसे झटका दिया. रियल एस्टेट कारोबार अब पुन: अच्छी स्थिति में आ गया है.
डेवलपिंग एरिया पर अधिक बढ़ेंगे सर्किल रेट
सर्किल रेट को लेकर जिला स्तर पर इलाका वाइज जमीन की सर्वे रिपोर्ट तैयार की जानी है. इसके लिए प्रत्येक क्षेत्र के पांच-पांच दस्तावेजों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
वर्तमान में वैल्यू मूल्य से उन इलाकों की जमीन की कीमतों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. इसमें सस्ते और महंगे दोनों स्तरों पर न्यूनतम और अधिकतम मूल्य की जानकारी ली जा रही है. इसमें तेजी से विकासशील इलाकों को मुख्य रूप से चिह्नित किया गया है. उन इलाकों पर अाधारित रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
जल्द सौंपी जायेगी मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट
जल्द ही सर्वे रिपोर्ट जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति को भेजी जायेगी. मूल्यांकन समिति द्वारा सर्वे रिपोर्ट के अध्ययन के बाद इसे विभाग में मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.
अधिकारियों की मानें तो पूर्व में प्रत्येक एक अप्रैल को जमीन की एमवीआर की दरों को रिवाइज किया जाता रहा है. पर अब सरकार इसे अपने स्तर पर कभी भी लागू कर सकती है. वहीं, सर्किल रेट दो साल में नहीं बढ़ाये जाने के कारण निबंधन विभाग अपने लक्ष्य से पीछे चल रहा है. ऐसे में इस बार सर्किल रेट में बढ़ोतरी करने की बात की जा रही है.
अधिक बढ़ सकता है डेवलपिंग एरिया का सर्किल रेट
इन इलाकों के बढ़ाये जायेंगे सर्किल रेट
सर्किल रेट को लेकर कराये जा रहे सर्वेक्षण में सबसे अधिक फुलवारीशरीफ, फतुहा, दनियावां, खुसरूपुर, दानापुर, मनेर, बाढ़, बख्तियारपुर, मोकामा, पंडारक, विक्रम, पालीगंज, नौबतपुर, बिहटा, मसौढ़ी, धनरूआ और पुनपुन इलाके शामिल हैं. निबंधन कार्यालयों के मुताबिक भूमि की चार श्रेणियों आवासीय, सहायक सड़क और प्रगतिशील व कृषि भूमि के तर्ज पर दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
कब-कब बढ़े सर्किल रेट : वर्ष 2013 में सर्किल रेट में सबसे अधिक वृद्धि की गयी थी. इसके बाद 2015 के अंत में गुपचुप तरीके से अचानक सर्किल रेट में बढ़ोतरी कर दी गयी. विरोध होने के बाद इसे फिर से रिवाइज करते हुए 2016 की फरवरी में सर्किल रेट लागू किया गया. हालांकि उस दौरान सर्किल रेट में जमीन के समतुल्य रेट में वृद्धि की गयी थी. इसके अलावा पेरिफेरल एरिया को बढ़ा दिया गया था.
इलाकों के अनुसार किया जा रहा सर्वेक्षण
सर्किल रेट को लेकर अभी इलाका वाइज सर्वेक्षण कराया जा रहा है, क्योंकि बीते दो साल में सर्किल रेट को रिवाइज नहीं किया गया है. लेकिन जमीन की तेजी से बढ़ती कीमतों को देखते हुए इसे रिवाइज करने की तैयारी है. डेवलपिंग एरिया में सर्किल रेट बढ़ाये जाने की उम्मीद है.
काशी कुमार, एआईजी निबंधन विभाग
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