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बिहार : आईटीआई पेपर लीक मामले में आरोपी गैंग के झारखंड और दिल्ली से जुड़े है तार

बैंक, प्रिंटिंग प्रेस और एनसीबीटी तक जांच की आंच पटना : आईटीआई पेपर लीक मामले का तार दिल्ली और झारखंड से जुड़ा है. एसआइटी ने जमशेदपुर में एक गैंग को चिह्नित किया है, जो पेपर लीक कराने में बड़ी भूमिका निभाता है. रविवार को वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर एसआईटी में शामिल तीन लोगों […]

बैंक, प्रिंटिंग प्रेस और एनसीबीटी तक जांच की आंच
पटना : आईटीआई पेपर लीक मामले का तार दिल्ली और झारखंड से जुड़ा है. एसआइटी ने जमशेदपुर में एक गैंग को चिह्नित किया है, जो पेपर लीक कराने में बड़ी भूमिका निभाता है. रविवार को वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर एसआईटी में शामिल तीन लोगों को जमशेदपुर भेजा गया है. वहीं दूसरी टीम दिल्ली के लिए रवाना होगी. दिल्ली में भी कुछ क्लू मिले हैं.
एसआईटी को पेपर लीक मामले में बड़ा झोल दिख रहा है. सबसे पहले पुलिस यह पता करने में जुटी है कि अाखिर पेपर लीक कहां से हुआ है. इसकी जांच की आंच दूर तलक पहुंचेगी. क्योंकि परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से पहले ही पेपर लीक हो गया था. यह समझा जा रहा है कि पेपर लीक कराने में तीन स्तर पर झोल हो सकता है. एसआईटी उन बैंकों के अधिकारियों से पूछताछ करेगी जहां परीक्षा केंद्र पर पेपर भेजने से पहले रखा गया था. प्रिंटिंग प्रेस से भी पूछताछ होगी. एनसीबीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) भी शक के दायरे में हो जो पूरी परीक्षा कराती है.
– पहली स्टेज- प्रिंटिंग प्रेस से सेटिंग
आईटीआई परीक्षा के लिए पेपर की प्रिंटिंगकराने के लिए टेंडर लेने वाले ठेकेदार इसमें खेल कर सकता है. छपाई के दौरान पेपर की एक प्रति चोरी करके परीक्षा में सेटिंग करने वाले किसी रैकेट को बेच देता. रैकेट माेटी रकम लेकर परीक्षार्थियों को परीक्षा से एक दिन पहले पेपर बेच सकता है.
– दूसरी स्टेज- बैंक में सेटिंग
आईटीआई की परीक्षा से पहले पेपर को अलग-अलग बैंकों में रखा गया था. चूंकि पेपर परीक्षा से एक दिन पहले लीक हुआ है, इसलिए यह साफ है कि परीक्षा केंद्र पर पेपर पहुंचने से पहले ही लीक कर दिया गया है.
प्राथमिकी के मजमून
श्रम संसाधन विभाग द्वारा कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि 30 जनवरी को परीक्षा होनेवाली थी. लेकिन 29 जनवरी की रात में ही किसी ने मेल के जरिये लीक पेपर को विभाग को मेल कर दिया था. वहीं दूसरा पेपर 7 और 9 फरवरी को होने वाला था. 9 की परीक्षा से पहले 8 फरवरी की रात को भी किसी ने मेल के जरिये पेपर लीक की प्रति विभाग को मेल कर दिया था.
…यहां बता दें कि पेपर लीक मामले की जांच के लिए नौ सदस्यी एसआईटी बनायी गयी है. इसमें सिटी एसपी अमरकेश डी, एएसपी आपरेशन राकेश दूबे जांच का नेतृत्व कर रहे हैं. यहां बता दें आइटीआइ की परीक्षा ऑल इंडिया स्तर पर होती है. पूरे बिहार में दो लाख परीक्षार्थी परीक्षा देने वाले थे.
– तीसरी स्टेज- परीक्षा कराने वाली आॅथोरिटी एनसीबीटी
आईटीआई की परीक्षा में एनसीबीटी की बड़ी भूमिका होती है. पेपर की प्रिंटिंग के लिए टेंडर से लेकर पेपर को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने में भी एनसीबीटी की भूमिका रहती है. इसलिए यह माना जा रहा है कि अगर एनसीबीटी के किसी अधिकारी ने अपने किसी परिचित को प्रिंटिंग का टेंडर दिलाया हो और उसकी के माध्यम से पेपर की प्रति हांसिल करके मोटी रकम लेकर सेटरों को बेच दिया है. इसलिए एसआईटी के कुछ सदस्य दिल्ली जाने वाले हैं.
– बीएसएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार नितिन उर्फ सनोज से भी हो सकती है पूछताछ
बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआईटी ने नितिन उर्फ सनोज को गिरफ्तार किया था. नितिन बिहटा में मौजूद आईटीआई कॉलेज से जुड़े हुए हैं. वर्तमान समय में वह बेऊर जेल में बंद है. चूंकि यह मामला आइटीआइ से जुड़ा है इसलिए नितिन को रिमांड पर लेकर देाबारा पूछताछ हो सकती है.

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