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बिहार : एजेंडे पर कर रहे काम सभी निश्चय होंगे पूरे : नीतीश कुमार

सेवा के िलए है सत्ता, लाभ के लिए नहीं: सीएम पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हम अपने एजेंडे से नहीं भटके हैं और बिहार में न्याय के साथ विकास कर रहे हैं. जिन कामों को करने के लिए महागठबंधन बना था, उन पर […]

सेवा के िलए है सत्ता, लाभ के लिए नहीं: सीएम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हम अपने एजेंडे से नहीं भटके हैं और बिहार में न्याय के साथ विकास कर रहे हैं. जिन कामों को करने के लिए महागठबंधन बना था, उन पर वे पहले भी काम कर रहे थे और महागठबंधन के टूटने के बाद भी कर रहे हैं.
सात निश्चय की योजनाएं हर घर नल का जल, पक्की नाली-गली, बिजली, शौचालय से लेकर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता दिया जा रहा है और महिलाओं को किसी भी नौकरी में 35% आरक्षण तक दिया गया है. अगले पांच साल के कृषि रोड मैप बना है, जिससे बिहार की सूरत अौर बदलेगी. सभी काम चल रहे हैं और वे किसी भी काम से नहीं पलटे हैं.
मुख्यमंत्री बुधवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे.समारोह में नीतीश कुमार ने कहा कि हम एक सीमा तक ही किसी चीज पर समझौता कर सकते हैं.
सत्ता किसी को मिलती है तो सेवा करनी चाहिए, लेकिन कुछ लोगों को सत्ता मिली तो वे माल कमाने लगते हैं और धनोपार्जन के सिद्धांत पर चलते हैं. महागठबंधन गड़बड़ झाला और घच-पच के लिए नहीं बना था. यह हमें मंजूर नहीं है. इसलिए राजनीतिक रूप से महागठबंधन से हटने का फैसला लिया. इस फैसले से जनता से किये वादों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उन्हें पूरा करने में सरकार दिन-रात लगी हुई है. उन्होंने पार्टी के प्रवक्ताओं को नसीहत भी दी कि वे सुबह-सुबह दूसरों के एजेंडों पर बयान दें. वे अपना एजेंडा तय करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बिहार में कानून का राज स्थापित किया और बुनियादी ढांचे, कृषि, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में काम किया है. अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा है. जो काम पहले से चल रहे थे, वे तेजी से चल रहे हैं.
यह सब किसी के वोट के लिए नहीं किया. यह सरकार की प्रतिबद्धता है. कभी भी राजनीति में सिर्फ वोट के लिए और व्यक्तिगत लाभ के लिए काम नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सात निश्चिय की विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए पहले साल में बहुत बाधा डालने की कोशिश की गयी, लेकिन अब योजनाओं पर काम शुरू हो गया है और चार साल में पूरा कर लिया जायेगा.
लोगों को भड़काने और हड़काने की हो रही कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के पक्ष में पिछले साल 21 जनवरी को बनी मानव शृंखला में गांधी मैदान में जो लोग हाथ पकड़ कर साथ खड़े थे, वे अलग होने के बाद कहने लगे कि शराबबंदी गलत है.
वैसे ही लोग बाल विवाह और दहेज मिटाने के लिए 21 जनवरी, 2018 को बनी मानव शृंखला में शामिल होने वाले लोगों को हड़काने अौर भड़काने की कोशिश की. ऐसा कोई पहली बार नहीं किया गया है. इससे पहले 24 जनवरी, 1993 को भी कर्पूरी के आरक्षण फॉर्मूेले की जगह मंडल आयोग की आरक्षण नीति का विरोध करने पर भी लोगों को बुरा लगा था और कुर्मी जाति को भड़काने लगे कि ये (नीतीश कुमार) अति पिछड़ा की वकालत कर रहे हैं. मुखिया को भड़काया गया कि उनका पावर छिन गया है, जबकि सरकार ने काम करवाने के अधिकार मुखिया को ही दिया है.
बॉक्स
ट्वीट करने वालों को शब्दों का अर्थ भी पता है या नहीं
सीएम ने इशारों-इशारों में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर चुटकी ली. बिना किसी का नाम लिये उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में अनसोशल बात चलती है. यह फैशन हो गया है.
प्रोफेशनल लोगों को रख कर जिस प्रकार ट्वीट किया जाता है और उसमें जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग होता है, पता नहीं उन शब्दों के अर्थ की उन्हें जानकारी है या नहीं. यह सब देख कर अचरज होता है. बुनियादी चीज की जानकारी नहीं है, राजनीति का क, ख, ग पता नहीं है, लेकिन तरह-तरह की बातें करते हैं. राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन क्या है, विकास क्या है, यह तो जानते नहीं है, लेकिन भाषण बड़ी-बड़ी देते रहते हैं.

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