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बिहार : प्रदेश की 1927 कंपनियों ने दो माह से कर्मचारियों के पीएफ खाते में नहीं डाली राशि
सुबोध कुमार नन्दन पटना : पीएफ की राशि जमा करने को लेकर कंपनियों की लापरवाही एक बार फिर सामने आयी है. 15 जनवरी तक सूबे की 1927 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के पीएफ के पैसे ईपीएफओ के पास जमा नहीं कराये हैं. जानकारी के अनुसार 15 जनवरी तक पटना में 1000, मुजफ्फरपुर में 565 तथा […]
सुबोध कुमार नन्दन
पटना : पीएफ की राशि जमा करने को लेकर कंपनियों की लापरवाही एक बार फिर सामने आयी है. 15 जनवरी तक सूबे की 1927 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के पीएफ के पैसे ईपीएफओ के पास जमा नहीं कराये हैं.
जानकारी के अनुसार 15 जनवरी तक पटना में 1000, मुजफ्फरपुर में 565 तथा भागलपुर में 362 कंपनियों ने पिछले दो माह से पैसे नहीं डाले हैं. यह हाल पिछले तीन-चार माह से है. वहीं, नवंबर माह में डिफॉल्ट करनेवाली कंपनियों की संख्या 1895 थी. प्रदेश में 6000 कंपनियां ईपीएफओ से निबंधित हैं. इनमें पटना में 3300, भागलपुर में 1150 तथा मुजफ्फरपुर में 1550 कंपनियों का निबंधन है. डिफॉल्ट के मामले में बिहार सबसे ऊंचे पायदान पर है.
कंपनियों में छानबीन के नाम पर केवल खानापूर्ति
ईपीएफओ पटना के क्षेत्रीय कार्यालय डिफॉल्टर कंपनियों को फोन, एसएमएस और ई-मेल के जरिये सूचना भेज कर्मचारियों के पीएफ खाते में पैसा जमा करने का अनुरोध कर रहा है. लेकिन, कंपनियों पर इसका कोई खास असर नहीं हो रहा है.
ईपीएफओ के उच्च अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने अपने क्षेत्रीय कार्यालय के आयुक्त को पत्र लिख कर डिफॉल्ट करनेवाली कंपनियों की संख्या में लगातार इजाफा क्यों हो रहा है. इसके बारे में जांच करने को कहा है. अधिकारियों की मानें तो कई मामलों में ईपीएफआे में यह पाया कि अधिकारियों ने कंपनियों में छानबीन के नाम पर केवल खानापूर्ति की.
– गड़बड़ी रोकने के लिए जीरो डिफाॅल्ट प्लान : प्राइवेट कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो, इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जीरो डिफाॅल्ट प्लान बनाया है.
नये प्लान के तहत मार्च, 2018 तक कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों के पीएफ के साथ फेरबदल नहीं कर पायेगी. ईपीएफओ के केंद्रीय कार्यालय ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालय के वरीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि वे अगले तीन माह में जीरो डिफॉल्ट का लक्ष्य हर हाल में पूरा करें. इसे लेकर ईपीएफओ कर्मचारियों व अधिकारियों में हड़कंप मचा है. क्षेत्रीय कार्यालय ने इस काम को पूरा कराने के लिए इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति किया है.
लगातार दबाव बनाये रखने के बावजूद कंपनियां पीएफ खाते में सही समय पर पैसे डालने का रिस्पांस नहीं दे रही हैं. नये प्लान के तहत अब वे नहीं बच पायेंगे. ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से वैसे कंपनियों की सूची तैयार कर ली गयी है. जल्द ही उन पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
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