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खुलेंगी 13600 राशन दुकानें
राज्य के सभी निगमों व शहरी क्षेत्रों में केरोसिन की आपूर्ति है बंद पटना : प्रदेश में सरकारी राशन की नयी दुकानें खोलने के लिए 13600 लाइसेंस दिये जायेंगे. इसके लिए 26 जिलों में टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शेष अन्य जिलों में भी शुरू होगी. इसमें महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया […]
राज्य के सभी निगमों व शहरी क्षेत्रों में केरोसिन की आपूर्ति है बंद
पटना : प्रदेश में सरकारी राशन की नयी दुकानें खोलने के लिए 13600 लाइसेंस दिये जायेंगे. इसके लिए 26 जिलों में टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शेष अन्य जिलों में भी शुरू होगी. इसमें महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया जायेगा. यह प्रक्रिया करीब दो महीने में पूरी हो जायेगी.
इसके बाद राज्य में सरकारी राशन दुकानों की संख्या 55 हजार से ज्यादा हो जायेगी. इस समय करीब 41725 हजार दुकानें चल रही हैं. यह जानकारी राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने शुक्रवार को दी. उन्होंने कहा कि विभाग का मकसद वही लाभुकों को राशन कार्ड उपलब्ध करवाना है जिससे कि राज्य का एक भी गरीब न छूटे. राज्य के सभी नगर निगम और शहरी क्षेत्रों में किरासन तेल की आपूर्ति बंद कर दी गयी है.
मंत्री मदन सहनी ने कहा कि इस समय पूरे राज्य में तीन तरह का काम चल रहा है. पहला काम राशन कार्ड में नाम सुधार का हो रहा है. दूसरा काम अपात्र लाभुकों को चिह्नित करने और तीसरा काम नये राशन कार्ड बनाने का किया जा रहा है. राशन कार्ड बनाने के लिए अब तक करीब 760000 आवेदन आये. इनमें से 147465 का निष्पादन किया गया. कुल 16127 नये राशन कार्ड बनाये गये हैं और 7936 रद्द किये जा चुके हैं.
सभी राशन कार्डों को आधार से लिंक करवाना अनिवार्य है. अपात्र लाभुक हटाये जायेंगे : राशन मिलने में परेशानी की ढेरों शिकायत पर उन्होंने कहा कि वे करीब 20 जिले के एक सौ से ज्यादा गांवों का दौरा किया. इसमें पाया कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं वे ही राशन नहीं मिलने की शिकायत करते हैं. वहीं अपात्र लाभुकों की पहचान के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई की गयी. प्रदेश में करीब 254934 अपात्र लाभुकों की पहचान की गयी है. जांच के बाद इनके नाम हटाये जाने की कार्रवाई चल रही है.
हाईटेक होगी व्यवस्था
राशन दुकानों से खाद्यान्न देने के मामले में व्यवस्था को हाईटेक बनाया जा रहा है. इसका मकसद राशन कार्डधारी सही उपभोक्ता को राशन देना है. इसके लिए पीओएस सिस्टम लगाया जायेगा. इसके तहत उपभोक्ता की पहचान सॉफ्टवेयर के माध्यम से दर्ज की जायेगी.
पीओएस मशीन पर उंगली रखते ही कंप्यूटर पर उसका डिटेल सामने आ जायेगा. यदि उंगली काम नहीं करेगी तो आंखों से पहचान की जायेगी. यह व्यवस्था फिलहाल नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड में चल रही है. वहां 55 पीओएस मशीन लगायी गयी हैं. इससे 21044 परिवारों को राशन दिया जा रहा है.
धान अधिप्राप्ति में सुधार
मंत्री मदन सहनी ने कहा कि केंद्र सरकार और खाद्य व उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के प्रयास से धान नमी की सीमा 17 फीसदी से बढ़ाकर 19 फीसदी कर दी गयी है.
अब 19 फीसदी नमी वाले धान की अधिप्राप्ति की जायेगी. वहीं पूर्व निर्धारित 30 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य भी समाप्त कर दिया गया है. अब रैयत किसान 200 टन और बटाईदार किसान 75 क्विंटल धान बेच सकेंगे. धान खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये जबकि ए ग्रेड के धान के लिए यह 1590 रुपये तय किया गया है. अब तक करीब पांच लाख 50 हजार किसान रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.
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