Advertisement
बिहार शौचालय घोटाला : विनय-बिटेश्वर भिड़े, एक दूसरे पर फंसाने का लगाया आरोप
आरोपित कार्यपालक अभियंता व रोकड़पाल समेत छह से पूछताछ पटना : शौचालय घोटाले के आरोपित कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा, रोकड़पाल बिटेश्वर प्रसाद, एनजीओ आदिशक्ति सेवा संस्थान की सचिव सुमन कुमारी, डाटा इंट्री ऑपरेटर तारकेश्वर प्रसाद, क्लर्क राजेश कुमार व संजय कुमार को रिमांड पर लेकर आमने-सामने बैठा कर पूछताछ शुरू कर दी है. उन […]
आरोपित कार्यपालक अभियंता व रोकड़पाल समेत छह से पूछताछ
पटना : शौचालय घोटाले के आरोपित कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा, रोकड़पाल बिटेश्वर प्रसाद, एनजीओ आदिशक्ति सेवा संस्थान की सचिव सुमन कुमारी, डाटा इंट्री ऑपरेटर तारकेश्वर प्रसाद, क्लर्क राजेश कुमार व संजय कुमार को रिमांड पर लेकर आमने-सामने बैठा कर पूछताछ शुरू कर दी है.
उन सभी को बेऊर जेल से शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा में पहले गांधी मैदान थाना लाया गया और उसके बाद सभी काे गोपनीय स्थान पर ले जा कर पूछताछ की जा रही है. सूत्रों के अनुसार बेऊर जेल से लाने के क्रम में ही विनय कुमार सिन्हा व बिटेश्वर घोटाले के बाद पहली बार आमने-सामने थे.
वे पुलिस की गाड़ी में ही भिड़ गये और झगड़ा करने लगे और एक-दूसरे पर फंसाने का आरोप लगाने लगे. इसके बाद जब पूछताछ शुरू हुई, तो फिर से वे दोनों झगड़ा करने लगे. इसके साथ ही सुमन ने बिटेश्वर व विनय को मारनेके लिए चप्पल भी उठा लिया.
विनय ने बताया कि बिटेश्वर व एनजीओ की सचिव के बीच पहले से ही जान-पहचान थी और इन दोनों ने ही मिल कर पूरा प्लान बनाया. इसके बाद ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर से फर्जी लिस्ट बनवायी और घोटाला किया. वे इस घोटाले के बारे में नहीं जानते थे और उन्हें जब जानकारी हुई, तो उन्होंने बिटेश्वर के खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी थी. बिटेश्वर से जब एसआईटी ने पूछताछ की, तो उसने बताया कि विनय कुमार सिन्हा के कहने पर ही सारा काम हुआ. वे अकेले कैसे काम कर सकते थे, क्योंकि बिना उनके चेक पर हस्ताक्षर किये पैसा निकल ही नहीं सकता है. सारे चेक व फर्जी लाभुकों की लिस्ट पर उन्होंने ही हस्ताक्षर किया है. फिर प्रक्रिया के तहत बैंक में चेक गये.
पूछताछ में आदिशक्ति सेवा संस्थान की सचिव सुमन कुमारी उर्फ रीता सिंह ने भी पूर्व के बयान को ही दोहराया और बताया कि उनके एकाउंट में पैसा आने के बाद वह निकाल कर विनय कुमार सिन्हा व बिटेश्वर को देती थी. उसे करीब 50 लाख रुपये कमीशन के रूप में मिले थे.
उसी से उसने एक स्कॉर्पियो खरीदी थी. इसके अलावा विनय सिन्हा व बिटेश्वर ने उसे धमकी भी दी थी कि कुछ भी होने पर वह किसी को कुछ नहीं बतायेगी. डाटा इंट्री ऑपरेटर तारकेश्वर व क्लर्क राजेश ने भी जानकारी दी कि उन्हें जिस तरह से विनय सिन्हा व बिटेश्वर ने बताया उस तरह से कंप्यूटर में डाटा अपलोड कर दिया. बिटेश्वर को पूर्व में भी एसआईटी दो दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है. उसे एक दिन की रिमांड पर लिया गया और बाकी सभी को दो दिनों की रिमांड पर लिया गया है. विनय और बिटेश्वर को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ का उद्देश्य शौचालय घोटाले की पूरी कहानी सामने लाना था.
एसएसपी ने भी की आरोपितों से पूछताछ
शौचालय घोटाले के आरोपितों से एसएसपी मनु महाराज ने भी पूछताछ की. इसक अलावा उससे सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी व टाउन डीएसपी एस ए हाशमी ने भी पूछताछ की. सभी आरोपितों से शुक्रवार की देर रात तक सवाल पूछे जाते रहे. लेकिन हर सवाल पर पुराना ही बयान उक्त आरोपित दुहराते रहे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement