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शौचालय निर्माण घोटाला : सात एनजीओ संचालकों ने डकारी है घोटाले की रकम

शौचालय निर्माण घोटाला. तीन और एनजीओ संचालक पुलिस के रडार पर, पैसे के ट्रांसफर की मिली जानकारी चार नहीं सात एेसे एनजीओ जिनके संचालकों ने सरकारी रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कराया है पटना : शौचालय निर्माण घोटाला की जड़ें बहुत ही गहरी हैं. जांच-पड़ताल का दायरा जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, घोटाले की […]

शौचालय निर्माण घोटाला. तीन और एनजीओ संचालक पुलिस के रडार पर, पैसे के ट्रांसफर की मिली जानकारी
चार नहीं सात एेसे एनजीओ जिनके संचालकों ने सरकारी रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कराया है
पटना : शौचालय निर्माण घोटाला की जड़ें बहुत ही गहरी हैं. जांच-पड़ताल का दायरा जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, घोटाले की कलई खुलती जा रही है. अब एसआईटी को यह जानकारी मिली है कि चार नहीं सात एेसे एनजीओ हैं, जिनके संचालकों ने सरकारी रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कराया है.
पुलिस की तरफ से एनजीओ के नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है, लेकिन कितना पैसा ट्रांसफर हुआ, इसकी जानकारी सूत्रों से मिली है. जो तीन नये एनजीओ संचालक के नाम सामने आएं हैं, उनके खातों में क्रमश: एक करोड़ 52 लाख रुपये, दूसरे में छह लाख, छह हजार और तीसरे में 4 लाख, 33 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये हैं. अब पुलिस ने इन तीनों एनजीओ की कुंडली खंगाल रही है.
अप्रैल से मई के बीच खोला है बैंक एकाउंट : एसआईटी को जानकारी मिली है कि जिन एनजीओ के संचालकों के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ है, उन लोगों ने अप्रैल से मई के बीच बैंक एकाउंट खोला है. पुलिस इनकी पड़ताल में जुट गयी है. जिस बैंक में खाते हैं, उनकी भी जांच होगी. बैंक मैनेजर और कर्मचारियों से भी पूछताछ होगी. पुलिस ने सभी दस्तावेज जुटा लिये हैं. अब इस बात की जानकारी जुटायी जा रही है कि जिन एनजीओ का नाम सामने आया है वह वास्तव में कुछ काम कर रही है या फिर जेबी तौर पर बनाया गया है.
तीन और लोग हैं जिनके बैंक एकाउंट में भेजा गया है पैसा : एनजीओ संचालकों के अलावा तीन और लोगों का नाम सामने आया है जिनके बैंक एकाउंट में पैसा भेजा गया है. इनकी पहचान कर ली गयी है. इनकी जांच में पुलिस जुट गयी है. संबंधित बैंक से एसआईटी ने कुछ डिटेल मांगा है. दस्तावेज खंगालने के बाद इनकी भी गिरफ्तारी की जायेगी.
छापेमारी जारी
घोटाला मामले में मुख्य आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है. पुलिस की कई टीमें अलग-अलग स्थानों पर डेरा डाले हुई हैं. इसमें रांची के अलावा झारखंड में कई जगहों पर छापेमारी की गयी है. सूत्रों कि मानें, तो कुछ लोगाें को पुलिस ने उठाया भी है, उनसे पूछताछ जारी है. हालांकि, किसी की गिरफ्तारी या हिरासत की बात से एसएसपी ने इन्कार किया है.
स्वच्छता अभियान का हाल : 3054 जनप्रतिनिधियों के घर में नहीं हैं शौचालय
पटना : शाैचालय निर्माण को लेकर गांव में वर्षों से अभियान चल रहा है. लेकिन, अभी तक हालात ऐसे हैं कि पटना जिले में ही कुल 9709 जनप्रतिनिधियों में से 3054 जनप्रतिनिधियों के घर में शौचालय नहीं है.
जिन जनप्रतिनिधियों के घर शौचालय नहीं है, उनमें 1309 वार्ड सदस्य, 01 मुखिया, 1717 पंच, 09 पंचायत समिति व 18 सरपंच शामिल हैं. हालांकि, सूत्रों की मानें, तो यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. ऐसे में यह स्वच्छता अभियान के तहत लोग शौचालय का निर्माण कैसे करायेंगे, जब जनप्रतिनिधि ही खुले में शौच को जाते हैं. अब ऐसे जन प्रतिनिधियों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी व जीविका की दीदी को दी गयी है.
साथ ही सरकारी स्कूल के प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि स्कूल में बने शौचालय का रखरखाव ठीक से करें. जहां स्कूल में शौचालय नहीं है, वहां के प्राचार्य ब्योरा तैयार कर डीएम कार्यालय या शिक्षा विभाग को भेजें, ताकि निर्माण कार्य पूरा हो सके. ऐसा नहीं करनेवाले स्कूलों के प्राचार्यों को जवाब देना होगा.
शौचालय के रखरखाव की होगी निगरानी
स्कूलों में शौचालय नहीं होने या उसके रखरखाव की निगरानी बीडीओ, डीपीओ व अनुमंडल पदाधिकारी की दी गयी है. उनको प्राचार्य से शौचालय का पूरा ब्योरा लेना होगा, जहां पर निर्माण कार्य कराना है.
इनके घरों में शौचालय नहीं
वार्ड सदस्य 1309
मुखिया 01
पंच 1717
पंचायत समिति 09
सरपंच 18
ग्रामीण क्षेत्रों में चलेगा जागरूकता अभियान
गांव में शौचालय निर्माण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसे 15 नवंबर के बाद और तेज किया जायेगा. उन जनप्रतिनिधियों को प्रेरित किया जायेगा, जिनके घरों में अब तक शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है.
इसके लिए एक विशेष टीम बनायी गयी है, जो जन प्रतिनिधियों के घरों तक जायेगी और उनको शौचालय निर्माण को लेकर तैयार करेगी. दिसंबर अंत तक जन प्रतिनिधियों के घरों में निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य बनाया गया है.
निर्माण कार्य की जिम्मेदारी प्राचार्य की
स्कूलों में शौचालय का रखरखाव व निर्माण कार्य की जिम्मेदारी प्राचार्य को दी गयी है, जहां शौचालय नहीं है. उन स्कूलों में निर्माण कराने की दिशा में काम होगा. इसके लिए वह विभाग को पत्र लिखें. जन प्रतिनिधियों के घरों में शौचालय बनाने के लिए उनको प्रेरित करने के लिए एक टीम बनायी गयी है.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम

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