आंदोलन के क्रम में जल्द रिजल्ट जारी कर सेवा नियमित करने अथवा वेतन वृद्धि की मांग करते हुए करीब 2700 संविदा कृषि समन्वयक इस्तीफा भी दे चुके हैं, लेकिन न तो आयोग ने रिजल्ट जारी किया और न ही विभाग ने उनका इस्तीफा ही स्वीकार किया है. ऐसे में परेशानी बढ़ती देख उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में आगे भी आंदोलन की रणनीति तैयार की है.
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बीएसएससी में दो साल से लटका रिजल्ट व विभाग में वेतन वृद्धि
पटना: राज्य में स्थायी कृषि समन्वयक पद के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) द्वारा वर्ष 2015 में आयोजित परीक्षा के बाद काउंसेलिंग के परिणामों की घोषणा नहीं होने के बाद मामला उच्च न्यायालय तक गया. न्यायालय ने आठ अक्तूबर तक रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बाद भी रिजल्ट अभी तक […]
पटना: राज्य में स्थायी कृषि समन्वयक पद के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) द्वारा वर्ष 2015 में आयोजित परीक्षा के बाद काउंसेलिंग के परिणामों की घोषणा नहीं होने के बाद मामला उच्च न्यायालय तक गया. न्यायालय ने आठ अक्तूबर तक रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बाद भी रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं हो पाया है. रिजल्ट को लेकर काफी समय से अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. इनमें ऐसे अनेक अभ्यर्थी हैं जो विभाग में संविदा पर कृषि समन्वयक के पद पर कार्य कर रहे हैं.
वर्ष 2014 में निकली थी बहाली 2015 में हुई थी काउंसेलिंग
राज्य में कृषि समन्वयक पद पर स्थायी नियुक्ति के लिए आयोग की ओर से वर्ष 2014 में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. वर्ष 2015 में काउंसेलिंग हुई थी. रिजल्ट में हो रहे विलंब को लेकर अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में गुहार लगायी थी, जिस पर न्यायालय ने आयोग को दो महीने के अंदर रिजल्ट की घोषणा करने का आदेश दिया. अभ्यर्थियों की मानें, तो पिछले आठ अक्तूबर को ही दो माह का समय पूरा हो गया चुका है, लेकिन आयोग की ओर से इस संबंध में कुछ नहीं किया जा रहा है. हालांकि पिछले ही दिनों आयोग अध्यक्ष संजीव कुमार सिन्हा ने बताया था कि रिजल्ट की जल्द ही घोषणा की जायेगी.
अन्य विभाग में समान पद के लिए मिल रहा Rs 31 हजार वेतन
कुछ अभ्यर्थियों के अनुसार वे पिछले सात वर्ष से विभाग में संविदा पर कृषि समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं. उन्हें 15 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं. बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में भी समान पद पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को वर्तमान में 31 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं. ऐसे में उनका भी स्थायीकरण हो अथवा 31 हजार वेतन दिया जाये.
आयोग ने वर्ष 2014 में स्थायी कृषि समन्वयक पद के लिए बहाली निकाली थी, वर्ष 2015 में काउंसेलिंग के बाद से अब तक आयोग ने रिजल्ट की घोषणा नहीं की. रिजल्ट घोषित करने की मांग को लेकर पिछले दिनों आयोग गेट के समक्ष धरना दिया गया. उसी दौरान वेतन वृद्धि की मांग पर करीब 2700 कृषि समन्वयकों ने भी विभागीय निदेशक के यहां इस्तीफा दिया. इस्तीफा मंजूर हुआ या नहीं, यह भी जानकारी नहीं है.
राजीव कुमार, अभ्यर्थी व कृषि समन्वयक
संविदा पर कार्यरत कृषि समन्वयकों ने सांकेतिक प्रदर्शन किया था, लेकिन उनके द्वारा इस्तीफा दिये जाने के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है. हालांकि उनकी संविदा अवधि बढ़ा दी गयी है. जहां तक उनकी वेतन वृद्धि की मांग है, उस संबंध में फाइल जीएडी (जेनरल एडमिनिस्ट्रेशन) के पास स्वीकृति के लिए भेजी गयी है.
हिमांशु कुमार राय, निदेशक, कृषि विभाग
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