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बिहार : उत्सवी माहौल में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद डबडबायी आंखों से हुई मां की विदाई
बड़ी देवी की खोइंछा अदला-बदली पटना/पटना सिटी : उत्सवी माहौल में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी. शहर के पूजा पंडालों से मां की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए गंगा घाटों पर ले जाया गया. इस दौरान भक्ति गीतों से हर कोई भावविभोर दिख रहा था. इधर, […]
बड़ी देवी की खोइंछा अदला-बदली
पटना/पटना सिटी : उत्सवी माहौल में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी. शहर के पूजा पंडालों से मां की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए गंगा घाटों पर ले जाया गया. इस दौरान भक्ति गीतों से हर कोई भावविभोर दिख रहा था. इधर, पटना सिटी में विदाई बेला में बड़ी बहन श्री बड़ी देवी जी मारुफगंज व छोटी बहन महाराजगंज का मिलन व खोइंछा अदला-बदली के मनोरम व अलौकिक दृश्य को देखने जुटे सैकड़ों श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गयीं.
शनिवार की रात माता के जयघोष व वैदिक मंत्रोच्चार से माहौल भक्तिमय हो गया था. पौराणिक व धार्मिक परंपरा के मुताबिक मिलन स्थल शेख बूचर की चौराहा पुरानी सिटी कोर्ट के पास छोटी बहन महाराजगंज बड़ी देवी अपनी बड़ी बहन श्रीश्री मारुफगंज की प्रतीक्षा कर रही थीं. ज्यों ही बड़ी बहन मारुफगंज की प्रतिमा पहुंची, त्यों ही पुजारी प्रवीण भट्टाचार्या, अलिप्तो साहा व अतानु साहा और महाराजगंज के पुजारी आचार्य रमाकांत मिश्र, निधि मिश्र व सिद्धि मिश्र ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों भगवती की फूल माला व खोइंछा की अदला-बदली की.
आरती पूजन व खोइंछा की अदला-बदली के उपरांत अगले वर्ष मैया फिर आना की कामना लिए बड़ी बहन मारुफगंज की सवारी विसर्जन के लिए आगे की ओर बढ़ी. इसके बाद छोटी बहन महाराजगंज की सवारी, फिर दलहट्टा बड़ी देवी और नंदगोला बड़ी देवी की प्रतिमा का विसर्जन किया गया. मिलन के इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए करीब बीस हजार से अधिक की भीड़ एकत्रित थी. विसर्जन के लिए निकली शोभायात्रा के आगे श्रद्धालु सड़क को पानी से साफ करते व पुष्पवर्षा करते हुए चल रहे थे.
‘सिंदूर खेला’ के साथ विदाई
पटना. विजयादशमी को बंगाली समाज में प्रतिमा विसर्जन से पहले महिलाओं ने‘सिंदूर खेला’ की रस्म निभायी. राजधानी में विभिन्न पूजा स्थलों पर महिलाओं द्वारा एक दूसरे को सिंदूर लगाकर यह परंपरा निभायी गयी.
शहर के कालीबाड़ी, मछुआ टोली, बंगाली अखाड़ा, नाला रोड बंगाली अखाड़ा समेत तमाम बंगाली पूजा मंडपों में महिलाओं ने ‘सिंदूर खेला’ के बाद भावविभोर होकर माता को विदाई दी. बंगाली परंपरा में दुर्गापूजा का अंतिम दिन माता की विदाई का दिन होता है. बंगाली समाज माता को घर की बेटी मानता है, जो दुर्गापूजा में मायके आती हैं. इसी मान्यता के अनुसार बेटी जब ससुराल वापस जाती है तो जाते समय उसकी मांग भरी जाती है.
रावण वध में पहुंचे 30 हजार से अधिक लोग
दुर्गापूजा व रावण वध कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हो गया. रावण वध के दौरान गांधी मैदान में 30 हजार से अधिक लोग पहुंचे थे. वहीं, जिला प्रशासन के निर्देश पर 6000 से अधिक जवान और 300 दंडाधिकारी सप्तमी से दशमी तक सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहे.
रावण वध के अंतिम समय तक गांधी मैदान में प्रत्येक गेट का निरीक्षण डीएम ने किया. जिसमें एसएसपी मनु महाराज सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. यातायात को सुचारु रखने के बनायी गयी यातायात योजना को सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से तीन शिफ्टों में मॉनीटरिंग होती रही. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए साउंड सिस्टम लगाया गया था, जिसके माध्यम से गांधी मैदान की समीक्षा होती रही.
नीतीश-मोदी ने चलाये तीर, जला रावण
गांधी मैदान में बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व विजयादशमी के मौके पर रामलीला महोत्सव एवं रावण वध कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को दीप जला कर किया. इस दौरान गांधी मैदान में किन्नरों की संस्था दोस्ताना सफर के सदस्यों ने नवदुर्गा के रूप में अपनी प्रस्तुति दी. दशहरा कमेटी द्वारा रामलीला का मंचन किया गया एवं मनोरम झांकी निकाली गयी और गुब्बारा उड़ा कर राज्य में शांति व सौहार्द का संदेश दिया गया. इसके बाद श्रीराम-लक्ष्मण एवं मां जानकी की आरती की गयी और श्रीराम और रावण के बीच संवाद प्रस्तुत किया गया.
शांतिपूर्ण ढंग से निकला प्रतिमा विसर्जन व मुहर्रम का जुलूस
पटना. जिला व पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम की व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रतिमा विसर्जन-मुहर्रम का जुलूस निकला. शांतिपूर्ण माहौल में शनिवार को राजधानी व उसके आस-पास के पूजा पंडालों में स्थापित मां की प्रतिमा का विसर्जन कराया गया.
इसकी सतत मॉनीटरिंग डीएम संजय कुमार अग्रवाल व एसएसपी मनु महाराज ने सीसीटीवी कैमरे से की. राजधानी की विभिन्न सड़कों पर लगे कैमरे से कंट्रोल रूम के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी गयी. रविवार की देर शाम तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली.
डीएम ने कहा कि त्योहार को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पूजा पंडालों को लाइसेंस निर्गत किया गया था, जिसकी लगातार माॅनीटरिंग अधिकारी करते रहे. हर स्तर पर शांति समिति की बैठक की गयी. यातायात व्यवस्था को बेहतर रखने के लिए हर दिन समीक्षा की गयी.
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