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हाईकोर्ट की सुरक्षा व अन्य कोर्टों का ऑडिट शुरू

पटना: राज्य में गाहे-बगाहे कोर्ट की सुरक्षा में सेंध लगती रहती है. कभी बम विस्फोट, तो कभी किसी कैदी की हत्या, वह भी दिनदहाड़े इसके मद्देनजर हाइकोर्ट से लेकर सभी स्तर के कोर्टों की सुरक्षा ऑडिट करने के साथ इनमें सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बहाल करने की कवायद तेज हो गयी है. इसके तहत […]

पटना: राज्य में गाहे-बगाहे कोर्ट की सुरक्षा में सेंध लगती रहती है. कभी बम विस्फोट, तो कभी किसी कैदी की हत्या, वह भी दिनदहाड़े इसके मद्देनजर हाइकोर्ट से लेकर सभी स्तर के कोर्टों की सुरक्षा ऑडिट करने के साथ इनमें सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बहाल करने की कवायद तेज हो गयी है. इसके तहत पटना हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर ली गयी है.

साथ ही जरूरत के अनुसार तमाम सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने की पहल शुरू कर दी गयी है. हाइकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा चाक-चौबंद कर दी गयी है. इस बार उच्च तकनीक वाले सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं. ये मूविंग कैमरे अपने चारों तरफ की तस्वीर किसी मौसम और परिस्थिति में ले सकता है. ये हाइ रेजुलेशन कैमरे रात के समय और काफी दूरी से भी साफ तस्वीर ले सकते हैं. इन कैमरों को लगाने के लिए तमाम प्रमुख स्थानों को चिन्हित करने का काम अंतिम दौर में चल रहा है. जल्द ही इन स्थानों पर कैमरे लगने शुरू हो जायेंगे. इसके अलावा हाइकोर्ट में एक डीएसपी, 21 पुलिस पदाधिकारी समेत 192 पुलिस कर्मी चौबीस घंटे तैनात किये गये हैं. सुरक्षा व्यवस्था में इनकी ड्यूटी शिफ्टवार लगायी गयी है. एक क्यूआरटी (क्वीक रिस्पांस टीम) भी यहां तैयार करके रखी गयी है.

हाईकोर्ट की सुरक्षा में ये संसाधन: एक डीएसपी, इंस्पेक्टर से लेकर एएसआइ तक के 21 पुलिस पदाधिकारी और 170 हवलदार तैनात होंगे. यहां के एक सुरक्षा से जुड़ा कंट्रोल रूम भी बनाया जायेगा. इसके अलावा 10 डीएफएमडी (डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर), 10 एचएचएमडी (हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर), वायरलेस यूनिट, मेन पैक- 14, अंडर व्हेकिल मिरर चेकिंग यूनिट तीन, सामान्य सीसीटीवी कैमरे (अंदर के कुछ स्थानों के लिए) और हर स्तर पर सभी सुरक्षा बलों के बीच संचार व्यवस्था का बंदोबस्त किया गया है.
अन्य सभी कोर्टों की सुरक्षा ऑडिट हुई शुरू
सभी जिलों में मौजूद हर तरह के कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को हर तरह से दुरुस्त करने के लिए सभी जिलों के डीएम की अध्यक्षता में एक सुरक्षा मूल्यांकन कमेटी बनायी गयी है. इसकी देखरेख में सभी स्तर के कोर्ट की सुरक्षा का ऑडिट किया जा रहा है. इस ऑडिट रिपोर्ट के हिसाब से सभी कोर्ट के लिए अलग-अलग स्तर पर सुरक्षा की बंदोबस्ती की जायेगी.

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