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BIHAR : हर पंचायत में बनेगा खेल का मैदान : ग्रामीण विकास मंत्री

पटना : गांवों के बच्चों को भी अब खेल का मैदान मयस्सर होगा. अब न तो गलियों में और न ही खेतों में खेलने के दौरान उनके हाथ-पैर जख्मी होंगे. उनके गांवों में ही खेल के मैदान बनाये जायेंगे और यह सब होगा मनरेगा योजना से. राज्य के ग्रामीण विकास एवं आवास मंत्री सह संसदीय […]

पटना : गांवों के बच्चों को भी अब खेल का मैदान मयस्सर होगा. अब न तो गलियों में और न ही खेतों में खेलने के दौरान उनके हाथ-पैर जख्मी होंगे. उनके गांवों में ही खेल के मैदान बनाये जायेंगे और यह सब होगा मनरेगा योजना से. राज्य के ग्रामीण विकास एवं आवास मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि हर पंचायत में अब मनरेगा योजना से खेल के मैदान का निर्माण कराया जायेगा.
केंद्र सरकार ने हमारे द्वारा भेजे गये खेल मैदान निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. सोमवार को प्रभात खबर दफ्तर में आये श्रवण कुमार ने बताया कि केंद्र की मंजूरी के बाद मनरेगा योजना से इस वित्तीय वर्ष से हर पंचायत में एक खेल मैदान के निर्माण का काम शुरू किया जायेगा. चाहे वह प्राथमिक विद्यालय हो, मध्य विद्यालय हो या हाईस्कूल का प्रांगण हो. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को खेलने और अपनी प्रतिभा निखारने के लिए मनरेगा योजना से इस काम को कराया जायेगा.
मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पलायन रोकने वाली एक योजना है, जिसमें साल में एक परिवार को सौ दिनों का रोजगार उपलब्ध कराना है.
उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के तहत कई तरह के कार्य कराये जा रहे हैं. इसमें विद्यालयों की चहारदीवारी निर्माण भी कराया जायेगा, जिससे विद्यालयों की भूमि के अतिक्रमण से बचाव होगा और स्कूल के विद्यार्थियों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा लेने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना में किसी तरह की गड़बड़ी की रोकथाम के लिए संपत्ति के निर्माण पर अधिक जोर दिया जा रहा है.
इस योजना से किसी गरीब को मुर्गीपालन करना है, तो वह मुर्गी का शेड या पशुपालक है, तो उसके लिए पशु के शेड का निर्माण कराया जायेगा. सबसे बड़ी बात है कि अब तो प्रधानमंत्री आवास निर्माण में लाभुक को 90-95 दिनों की, जबकि शौचालय निर्माण में 14 दिनों की मजदूरी का भुगतान मनरेगा योजना के तहत किया जाता है.
इस योजना में हर तरह से पारदर्शिता लाने की व्यवस्था की गयी है. बावजूद इसके कहीं पर कोई गड़बड़ी होती है, तो किसी भी स्तर के पदाधिकारी के खिलाफ अविलंब कार्रवाई की जाती है. ग्रामीण विकास मंत्री ने राज्य में मनरेगा की मजदूरी दर कम होने पर चिंता जतायी और कहा कि राज्य सरकार को अपने खजाने से मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भुगतान के लिए अतिरिक्त राशि देनी पड़ रही हैं.
मुख्यमंत्री के सात निश्चय बिहार के बदलाव के लिए
मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लायी गयी मुख्यमंत्री निश्चय योजना बिहार के बदलाव के लिए है. यह एक ऐसी योजना है, जो गांवों के बदलाव को दिखायेगी. आजादी के 70 साल बाद गांव के वैसे लोग, जिनके घरों से निकलने पर कीचड़ का सामना करना पड़ता था, जलजमाव होता था, सड़कें नहीं थीं, घर में बिजली का कनेक्शन नहीं था, बिना शौचालय की जिंदगी गुजर रही थी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन वंचित जमातों के जीवन में बदलाव के लिए सात निश्चय योजना को लाया है.
उन्होंने बताया कि शौचालय निर्माण और हर घर स्वच्छ नल का जल पहुंचने से ही राज्य के लोग बीमारियों से मुक्त हो जायेंगे. राज्य के कई ऐसे गांव,पंचायत व टोले हैं जहां के लोगों के लिए स्वच्छ पीने का पानी नहीं मिलता. वे लोग फ्लोराइड और आर्सेनिक वाले पानी का सेवन कर रहे हैं. जो चापाकल का पानी है, वह भी आयरनयुक्त हैं. गांव व टोले को लोगों को स्वच्छ पीने का पानी मिलने लगे, तो बिहार के अधिसंख्य जनता बीमारियों से मुक्त हो जायेगी.
बिहार में बाढ़ के बाद सरकार ने दी तत्काल राहत
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि बिहार में अप्रत्याशित बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी. इसमें पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल कदम उठाये.
बाढ़ से घिरे लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और वहां पर उनके रहने और भोजन की व्यवस्था का काम युद्ध स्तर पर किया गया. 19 जिलों मे आयी प्रलयकारी बाढ़ से लोगों की जिंदगी बचायी गयी. राहत शिविरों में लोगों को रखा गया. बाढ़ उतरने के बाद सरकार की ओर से तत्काल राहत राशि के वितरण का कार्य शुरू किया गया. बाढ़ग्रस्त परिवारों के खाते में छह-छह हजार की राशि भेजी जा रही है. दो तिहाई लोगों के खाते में वस्त्र व राशन के लिए छह-छह हजार भेज दिये गये हैं.
जिन लोगों के पास बैंक खाते नहीं है, उनके खाते खोलवाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा बाढ़ के कारण लोगों को हुए नुकसान का आकलन आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किया जा रहा है. किसानों के फसल बर्बादी और मकान के ध्वस्त होने के मूल्यांकन के बाद किसानों व गृहस्वामियों को नुकसान की क्षतिपूर्ति की जायेगी.
प्राथमिक लाभ दलित व महादलितों को
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निश्चय योजना की प्राथमिकता में दलित और महादलितों को रखा गया है. चाहे वह नाली-गली हो, शौचालय हो, बिजली पहुंचाने की योजना हो, सबमें दलितों व महादलितों पर फोकस है. 2016 में पंचायत के तीन वार्ड और 2017 में तीन वार्डों तक सात निश्चय की योजना पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है.
ये योजनाएं ऐसे पहले अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मिलेंगी, उसके बाद ही इसका लाभ अन्य लोगों को मिलेगा. आप कल्पना नहीं कर सकते हैं कि जो परंपरागत रोशनी में जीवन गुजार रहे हैं और उनके घर में बिजली की बत्ती जली हो, तो उनका अनुभव कैसा होगा. कोई भी व्यक्ति अपने घर तक पक्की सड़क से आयेगा, तो उसे कितनी खुशी होगी. लोगों के बीच किस तरह का उल्लास दिख रहा है.
आवास निर्माण को सीधे खाते में पैसा
मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य के गरीब परिवारों का सामाजिक-आर्थिक व जाति आधारित जनगणना के आधार पर चयन किया गया है. इस योजना में ग्रामसभा द्वारा चयनित लाभुक के खाते में सीधे राशि भेजे जाने की व्यवस्था की गयी है.
मैंने साढ़े तीन साल पहले कार्यभार संभालते ही यह सुनिश्चित किया कि आवास निर्माण की राशि हर लाभुक के खाते में ही दी जायेगी. इस योजना में बरसात के बाद तेजी लायी जायेगी. इस वित्तीय वर्ष में राज्य में छह लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास का निर्माण होना है. पुराने व अधूरे आवासों के निर्माण की समय सीमा तय की गयी है. हर दिन मॉनीटरिंग की जाती है.

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