17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

12 साल का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दिया तो रुका वेतन

अप्रैल 2003 से दिसंबर 2015 तक दो से तीन हजार करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब-किताब अब तक नहीं दिया गया पटना : प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 12 साल का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने पर सामाजिक सुरक्षा और नि:शक्तता निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की है. उनकी छुट्टी रद्द […]

अप्रैल 2003 से दिसंबर 2015 तक दो से तीन हजार करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब-किताब अब तक नहीं दिया गया
पटना : प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 12 साल का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने पर सामाजिक सुरक्षा और नि:शक्तता निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की है.
उनकी छुट्टी रद्द कर दी गयी है और काम पूरा होने तक वेतन रोक दिया गया है. समाज कल्याण विभाग का कहना है कि अप्रैल, 2003 से दिसंबर, 2015 तक सामाजिक सुरक्षा और नि:शक्तता निदेशालय ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धा पेंशन सहित नि:शक्तों के लिए अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर काम किया. इस दौरान निदेशालय को करीब दो हजार से तीन हजार करोड़ रुपये का आवंटन हुआ. ये पैसे लाभार्थियों को मिले या नहीं, इसकी उपयोगिता प्रमाणपत्र विभाग को नहीं सौंपा गया.
सूत्रों का कहना है कि उस दौरान लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में पैसे जमा नहीं किये जाते थे. जगह-जगह कैंप लगाकर हाथोंहाथ पैसे बांटे जाते थे. तकनीक का इस्तेमाल नहीं होता था, सारा कामकाज हाथों से किया जाता था. दिसंबर, 2015 के बाद लाभार्थियों को दिये जाने पैसे सीधे उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये जाते हैं. इस कारण अब सबकुछ अपडेट है.
विभागीय सूत्रों की मानें तो नियमानुसार निदेशालय को हर साल अावंटित राशि खर्च करने पर उपयोगिता प्रमाणपत्र विभाग को सौंपना होता है. यह प्रमाणपत्र महालेखाकार के पास भेजा जाता है. वहां लेखा-जोखा करने के बाद राज्य में सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद का कहना है कि अप्रैल 2003 से दिसंबर 2015 तक का उपयोगिता प्रमाणपत्र बनाकर देने के लिए सामाजिक सुरक्षा और नि:शक्तता निदेशालय को कई बार कहा गया. इसके बावजूद निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसमें लापरवाही की और अब तक काम पूरा नहीं हुआ. इसलिए उन पर कड़ी कार्रवाई की गयी है.
काम पूरा होने तक उनका वेतन रोका गया है. साथ ही विभागीय पूर्वानुमति के बिना छुट्टी भी नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि उपयोगिता प्रमाणपत्र से ही पता चल सकेगा कि कितने लाभार्थियों को पैसे मिले, यदि नहीं मिले तो पैसे कहां गये? बैंक में कितने पैसे जमा हैं? इस पूरे लेन-देन में कोई भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं?
कल्याण विभाग ने कर्मियों पर की कड़ी कार्रवाई
सामाजिक सुरक्षा और नि:शक्तता निदेशालय का क्या है मुख्य काम
सामाजिक सुरक्षा और नि:शक्तता निदेशालय, नि:शक्तों, वृद्धजनों, नशीले पदार्थों से प्रभावित व्यक्तियों, निराश्रित लोगों और साथ ही भिखारियों और विधवाओं से संबंधित समस्त नीतियों और कार्यक्रमों के लिए उत्तरदायी है. इसका सरोकार निम्नलिखित कार्यों से है:
सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और अन्य पेंशनों का वितरण, बुजुर्गों के कल्याण से संबंधित सभी कार्यकलाप और योजनाएं नि:शक्तों के कल्याण और सशक्तीकरण से संबंधित सभी योजनाओं का कार्यान्वयन और समन्वय नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए रोकथाम, उपचार और पुनर्वास संबंधी कार्यक्रम
भिखारियों और अन्य निराश्रित लोगों का पुनर्वास आपराधिक कार्यकलापों के इतिहास वाली अनुसूचित जनजातियों और समुदायों के पुनर्वास से संबंधित कार्यक्रम

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें