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सख्ती से एक साल में बढ़ा 20% राजस्व
पटना : अवैध खनन को लेकर प्रदेश सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती का असर सामने आया है. साल 2016 तक बालू के खनन से 113.47 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ था. वहीं साल 2017 के मई महीने तक कुल 136.27 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ है. इस तरह सरकार को बालू की […]
पटना : अवैध खनन को लेकर प्रदेश सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती का असर सामने आया है. साल 2016 तक बालू के खनन से 113.47 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ था. वहीं साल 2017 के मई महीने तक कुल 136.27 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ है.
इस तरह सरकार को बालू की खनन से पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 20 फीसदी का फायदा हुआ है. इसे आगे और बढ़ने की संभावना है. राज्य के मुख्य सचिव ने 15 जून, 2017 को प्रदेश के सभी जिलों के प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों को अवैध खनन रोकने संबंधी एक निर्देश पत्र जारी किया है. इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हर हाल में अवैध खनन पर रोक लगायें. साथ ही अवैध खनन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें. इसके पहले भी ऐसी सख्ती के आदेश जारी किये गये थे.
क्या कहते हैं अधिकारी
खान और भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि खनन के वक्त पर्यावरण से तालमेल आवश्यक है. अवैध खनन माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं. उनके सहयोग से ऐसे तत्वों पर लगाम लगा है. आगे भी इसके प्रयास किये जायेंगे. राजस्व बढ़ाने के लिए विभाग प्रयासरत है.
मानक से अधिक बालू निकालने पर होगी कार्रवाई
प्रदेश सरकार के खान और भूतत्व विभाग के सूत्रों की मानें तो किसी भी खनन के वक्त पर्यावरण संतुलन का ध्यान रखना आवश्यक है. जैसे नदी से बालू निकालने के लिए प्रदेश के हर घाट के लिए मानक निर्धारित हैं.
इसलिए बालू यदि नहीं निकाला जाये तो नदी में गाद की समस्या पैदा हो जायेगी, वहीं मानक से अधिक बालू निकालने पर नदी का जलस्तर नीचे जा सकता है. वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखना भी आवश्यक है. इसलिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला खनन नहीं होना चाहिए.
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