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बकाये का करना होगा भुगतान
कुल व्यापारी 1. 23 लाख, अब तक 21 हजार ने कराया रजिस्ट्रेशन पटना : पूरे देश में 1 जुलाई से जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लागू होने जा रहा है. बिहार में इसकी जानकारी देने और व्यापारियों को इसके तहत निबंधन कराने के लिए वाणिज्य कर विभाग व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण और निबंधन कार्यक्रम चला […]
कुल व्यापारी 1. 23 लाख, अब तक 21 हजार ने कराया रजिस्ट्रेशन
पटना : पूरे देश में 1 जुलाई से जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लागू होने जा रहा है. बिहार में इसकी जानकारी देने और व्यापारियों को इसके तहत निबंधन कराने के लिए वाणिज्य कर विभाग व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण और निबंधन कार्यक्रम चला रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स की पूरी प्रणाली ऑनलाइन हो जायेगी, लेकिन वर्तमान में जिन व्यापारियों का टैक्स बकाया है, उन्हें जीएसटी लागू होने के बाद भी इसे हर हाल में जमा करना होगा.
जीएसटी के बाद विभाग के स्वरूप में भी बदलाव आने की पूरी संभावना है, परंतु व्यापारियों से टैक्स वसूली के तरीके में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं आयेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में सभी स्तर के व्यापारियों के पास करीब 150 करोड़ टैक्स के रूप में वाणिज्य कर विभाग का बकाया है. जीएसटी लागू होने के बाद भी इनसे इस बकाया की वसूली विभाग करेगा.
ऐसे सभी व्यापारियों को जीएसटी लागू होने तक बकाया देने के लिए कहा जा रहा है. फिर भी जो व्यापारी नहीं देंगे, उन्हें एक वर्ष तक का समय मिलेगा. खासकर बड़े बकायेदारों को एक साल तक का समय मिलेगा बकाया टैक्स का भुगतान करने के लिए. इसके अलावा जिन व्यापारियों ने एडवांस टैक्स जमा कर दिया है, उनका अतिरिक्त टैक्स भी जीएसटी लागू होने के बाद तक यह वर्तमान प्रक्रिया के अनुसार ही एडजस्ट होता रहेगा. जीएसटी में टैक्स जमा करने से लेकर अन्य सभी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जायेगी.
सिर्फ 10 हजार तक का टैक्स देने वाले छोटे व्यापारियों के लिए ऑनलाइन के अलावा कैश, बैंक ड्राफ्ट या चेक से भी जमा करने की सुविधा होगी. 10 हजार से ज्यादा टैक्स देने वाले व्यापारियों को सिर्फ ऑनलाइन की ही प्रक्रिया अपनानी होगी.
इसके अलावा सरकारी महकमों में टीडीएस जमा करने की सुविधा ऑनलाइन के अलावा चेक, ड्राफ्ट या कैश से होगी.
व्यापारियों को जीएसटी से होंगे ये लाभ
सभी तरह का लेन-देन ऑनलाइन होने से पेपरलेस व्यवस्था होगी.
टैक्स का भुगतान करने के लिए आरटीजीएस, एनइएफटी, डेबिट या क्रेडिट कार्ड समेत अन्य तमाम तरह की ऑनलाइन तरीकों के उपयोग की सुविधा होगी.
प्रत्येक खरीद या लेन-देन पर व्यापारी को आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) सिस्टम पर दिखेगा और साथ ही यह हर ट्रांजैक्शन के बाद जुड़ता जायेगा. इससे व्यापारी को हर चरण पर यह पता चलता रहेगा कि उसे कितना टैक्स देना है.व्यापारी अपना इनवॉयस जैसे ही अपलोड करेगा, यह पब्लिक डोमेन में दिखने लगेगा.
वर्तमान की तरह इसमें भी व्यापारी एडवांस टैक्स जमा कर सकते हैं.
जीएसटी को लेकर 113 ट्रेनिंग हो गयीं, 65 बाकी : सभी वर्गों को जीएसटी की जानकारी देने के लिए वाणिज्य कर विभाग की तरफ से करीब एक महीने का ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है.
24 मई से शुरू हुआ यह कार्यक्रम 24 जून तक चलेगा. इसके तहत अब तक 113 ट्रेनिंग प्रोग्राम हो चुके हैं और 65 आने वाले दिनों में अलग-अलग जिलों और अनुमंडलों में होने वाले हैं. इसमें व्यापारियों को जीएसटी के अंतर्गत निबंधन कराने और आम लोगों को इसकी जानकारी दी जाती है. 15 जून तक सभी व्यापारियों को जीएसटी में निबंधन करा लेने के लिए कहा गया है.
इसके लिए जिला और अनुमंडल स्तरीय वाणिज्य कर कार्यालयों में विशेष विंडो शुरू किया गया है. अब तक राज्य में मौजूद 1.23 लाख व्यापारियों में 21 हजार से ज्यादा लोगों ने निबंधन करा लिया है.
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