पटना : कंकड़बाग अंचल के अधिकारियों ने निगम को राजस्व का नुकसान करा कर निजी एजेंसी निश्का को लाभ पहुंचाया. यह खुलासा महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है. महालेखाकार ने अपने ऑडिट रिपोर्ट में कहा कि डोर-टू-डोर कलेक्शन को लेकर चयनित एजेंसी को किराये पर ऑटो-टीपर दिया गया. किराये की सेवा-शर्त के अनुसार एजेंसी ऑटो-टीपर लौटाती है, तो मूल स्वरूप में लौटायेगी. लेकिन, निगम प्रशासन ने न ही ऑटो-टीपर का किराया वसूला और न ही मूल स्वरूप में वाहन वापस लिया. इससे निगम को करीब पांच लाख रुपये राजस्व की क्षति हुई है.
अंचल कार्यालय की ओर से एजेंसी को किराये पर 22 ऑटो-टीपर दिये गये. एजेंसी के साथ अनुबंध रद्द होने के बावजूद इसका फाइल में उल्लेख नहीं है. हालांकि मार्च, 2018 तक एजेंसी को भुगतान किया गया है.
लेकिन, एजेंसी की ओर से जुलाई, 2018 में 13 और जनवरी, 2019 में तीन वाहन लौटाये गये, जिसका सत्यापन निगम अधिकारियों व कर्मियों की ओर से नहीं किया गया है. इन वाहनों के मेंटेनेंस पर 4.68 लाख रुपये का बिल प्राप्त है, जिसमें 1.64 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. वहीं, इन वाहनों का किराया 1.23 लाख रुपये एजेंसी से वसूल करना था, जो नहीं किया गया.
महालेखाकार ने तीन बिंदुओं पर आपत्ति जाहिर करते हुए नगर आयुक्त से जवाब मांगा है. ऑडिट रिपोर्ट की आपत्ति पर नगर आयुक्त ने अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी से जवाब मांगा है, ताकि महालेखाकार को जवाब भेजा जा सके. निगम अधिकारी ने बताया कि निजी एजेंसी को किये भुगतान व वाहन लौटाने में अनदेखी पर आपत्ति जतायी गयी है. आपत्ति को लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है.