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Patna Metro: अंडरग्राउंड स्टेशनों के लिए सभी परेशानी हुई दूर, अब जल्द ही मेट्रो की सवारी करेंगे पटनावासी

पटना मेट्रो के छह अंडरग्राउंड स्टेशनों के निर्माण को लेकर जमीन की परेशानी नहीं होगी. छह में से चार स्टेशनों को लेकर जमीन अधिग्रहण की समस्या थी, जिसे लगभग दूर कर लिया गया है. पीएमसीएच, विश्वविद्यालय और मोइनुल हक स्टेडियम मेट्रो स्टेशन का निर्माण संबंधित संस्थान परिसर में ही होगा.

पटना: फेज-टू में बनने वाले पटना मेट्रो के छह अंडरग्राउंड स्टेशनों के निर्माण को लेकर जमीन की परेशानी नहीं होगी. छह में से चार स्टेशनों को लेकर जमीन अधिग्रहण की समस्या थी, जिसे लगभग दूर कर लिया गया है. पीएमसीएच, विश्वविद्यालय और मोइनुल हक स्टेडियम मेट्रो स्टेशन का निर्माण संबंधित संस्थान परिसर में ही होगा. फ्रेजर रोड में आकाशवाणी स्टेशन के लिए आकाशवाणी और एलआइसी की करीब 1574 स्क्वायर मीटर जमीन ली जा रही है. केंद्र व राज्य के स्तर पर बातचीत हो गयी है. गांधी मैदान और राजेंद्र नगर में मेट्रो स्टेशन निर्माण को लेकर राज्य सरकार की पर्याप्त जमीन उपलब्ध है.

अंतिम चरण में भूमि अधिग्रहण की प्रकिया

पटना मेट्रो से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक करीब 14 हजार करोड़ रुपये के पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में सिविल निर्माण के लिए करीब 73 फीसदी जमीन पहले से उपलब्ध है. मात्र 27 फीसदी निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता थी, जिनमें से काफी हिस्सा पूरा हो गया है. लैंड प्लान के अनुसार कुल 43.95 हेक्टेयर (सरकारी और निजी सहित) जमीन की आवश्यकता थी, उसमें भी 31.01 हेक्टेयर यानी कुल जमीन का 70.56 फीसदी डिपो से संबंधित है. इसको लेकर अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. कुल 10.95 हेक्टेयर सरकारी जमीन में से 6.35 हेक्टेयर कार्य करने की अनुमति एनएचएआइ से मिली है.

जमीन हैंडओवर होते ही डिपो निर्माण का कार्य होगा शुरू

मेट्रो अधिकारियों ने उम्मीद जतायी है कि पटना मेट्रो डिपो एरिया की 76.64 एकड़ (30.5 हेक्टेयर) जमीन के लिए अधिग्रहण जिला प्रशासन के स्तर पर जल्द पूरी हो जायेगी. पटना मेट्रो को जमीन हैंडओवर होते ही डिपो निर्माण का काम शुरू हो जायेगा. इसके साथ ही आइएसबीटी स्टेशन के प्रवेश/निकास, उप भवन आदि निर्माण को लेकर 4.86 एकड़ (1.99 हेक्टेयर) जमीन की आवश्यकता है. इसमें आइएसबीटी स्टेशन के लिए 2.19 एकड़ जमीन की अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है.

प्रायोरिटी कॉरिडोर पर जमीन की दिक्कत नहीं

फेज टू के प्रायोरिटी कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से आइएसबीटी) में सिविल कंस्ट्रक्शन का ज्यादातर हिस्सा पथ निर्माण विभाग और एनएचएआइ का है. इसलिए जमीन की दिक्कत नहीं है. इस पर पाइलिंग सहित काफी काम पूरा हो चुका है. फेज टू के इस एलिवेटेड (जमीन से ऊपर) हिस्से को मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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