रजौली : दिवाली पर्व के ठीक छठवें दिन सूर्य उपासना का महापर्व छठपूजा शुरू होती है. इस पूजा की तैयारी दिपावली खत्म होते हीं जोरो-शोरो से चल रही है. छठ महापर्व पर रजौली मुख्यालय के नदी घाटों पर लगभग 10 जगह पर की जाती है. इसमें लाखों की संख्या में व्रती महिलाओं सहित अन्य श्रद्धालु पहुंचते हैं. हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होनेवाले चार दिनों तक चलनेवाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ, छठ माई पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है.
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नदी घाटों पर लगा है गंदगी का अंबार
रजौली : दिवाली पर्व के ठीक छठवें दिन सूर्य उपासना का महापर्व छठपूजा शुरू होती है. इस पूजा की तैयारी दिपावली खत्म होते हीं जोरो-शोरो से चल रही है. छठ महापर्व पर रजौली मुख्यालय के नदी घाटों पर लगभग 10 जगह पर की जाती है. इसमें लाखों की संख्या में व्रती महिलाओं सहित अन्य श्रद्धालु […]
इसकी शुरुआत 31 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ होगी. मान्यता है कि इस दिन व्रती स्नान आदि कर नये वस्त्र धारण करते हैं और शाकाहारी भोजन करते हैं. व्रती के भोजन करने के पश्चात ही घर के बाकी सदस्य भोजन करते हैं. चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार पर पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और इसे धूमधाम से मनाता है.
दूसरे दिन यानी खरना के दिन से महिलाएं और पुरुष छठ का उपवास शुरू करते हैं, इन्हें छठ व्रती कहते हैं. इसी दिन शाम के समय प्रसाद बनाया जाता है. प्रसाद में चावल, चने की दाल, दूध से बना खीर, ठेकुआ के अलावे घी, आटे से बना प्रसाद बनाया जाता है. साथ ही फल, सब्जियों से पूजा की जाती है.
छठ के तीसरे दिन शाम यानी सांझ के अर्घ्य वाले दिन शाम के पूजन की तैयारियां की जाती हैं. छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत करते हैं और शाम के पूजन की तैयारियां करते हैं. छठ महापर्व का अनुष्ठान नहाय-खाय से शुरू होता है,परंतु छठ पर्व के पकवान के लिए व्रती महिलाएं गेहूं को गंगाजल में धोकर सूखाने के लिए दीपावली के दूसरे दिन बाद से ही जुटने लगते हैं.
नहाय-खाय में अब मात्र तीन दिन शेष बचा है. लेकिन अब तक किसी भी छठ घाट की न तो सफाई शुरू हो सकी है ना ही कीचड़ से निजात दिलाने की व्यवस्था की गयी है. रजौली प्रशासन की ओर से किसी भी छठ घाटों का अभी तक कोई साफ सफाई का व्यवस्था नहीं किया गया है. जबकि छठ पर्व को लोगों को उत्साह साल दर साल बढ़ रहा है. छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जाती है.
10 नदी घाटों पर अर्घ देने पहुंचते हैं श्रद्धालु : रजौली मुख्यालय के धनार्जय नदी घाट पर शिवाला घाट, पुरानी पुल घाट, बंधन छपरा घाट,भंड़रा नदी घाट, हरदिया घाट, चितरकोली घाट,के अलावे खुरी नदी पर गैरिबा घाट, धमनी घाट, मुरहेना के नदी घाटों पर छठ व्रत में लाखों की संख्या में उदीयमान व अस्थाचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने पहुंचती है. बीडीओ प्रेम सागर मिश्र ने कहा कि जल्द ही सभी छठ घाटों की साफ-सफाई करायी जायेगी.
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