सरकार की नयी व्यवस्था से स्कूलों में परेशानी
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ढूंढ़ते नहीं मिल रहे सरकारी दर पर अंडे व मौसमी फल
सरकार की नयी व्यवस्था से स्कूलों में परेशानी नवादा नगर : मध्याह्न भोजन में अंडे या सिजनली फलों को शामिल करने से स्कूल के प्रधानाध्यापकों की समस्या बढ़ गयी है. शिक्षा विभाग के आदेशानुसार नवंबर माह से शुक्रवार को स्कूलों में अंडा या सिजनली फलों की व्यवस्था करनी है़ इसके अलावा उर्दू स्कूलों में शुक्रवार […]
नवादा नगर : मध्याह्न भोजन में अंडे या सिजनली फलों को शामिल करने से स्कूल के प्रधानाध्यापकों की समस्या बढ़ गयी है. शिक्षा विभाग के आदेशानुसार नवंबर माह से शुक्रवार को स्कूलों में अंडा या सिजनली फलों की व्यवस्था करनी है़ इसके अलावा उर्दू स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी के कारण बच्चों को रविवार को अंडे दिये जायेंगे़ प्रारंभिक स्तर के स्कूलों में शुरू की गयी व्यवस्था ने स्कूल प्रधानों के लिए समस्याओं की शुरुआत कर दी है़ बाजार में फिलहाल होलसेल रेट पर भी अंडे की कीमत साढ़े छह रुपयेे प्रति पीस है. ऐसे में सरकार द्वारा तय रेट पांच रुपये में अंडे की उपलब्धता मुसीबत वाला काम है. अंडा टूटनेवाली चीज है़ इसलिए, गांव तक इसे सही सलामत ले जाने की ट्रांसपोर्टिंग भी आसानी से संभव नहीं हो पाती है.
स्कूल में कौन बच्चा अंडे खायेगा या नहीं इसका पता लगाना भी मुसीबत है. अंडा नहीं खानेवाले बच्चों को मौसमी फल दिया जाना है इसलिए, फलों का इंतजाम भी करना है. शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गयी व्यवस्था के पहले दिन का अनुभव शायद ही कुछ स्कूलों में ठीक रहा है अन्यथा सभी स्कूलों में प्रभारी परेशानी में पड़े रहे.योजना की शुरुआत के दिन बाजार में अंडे लगभग गायब हो गये़ मांग की जानकारी दुकानदारों को नहीं होने के कारण कई स्कूलों को, तो बाजार में अंडे मिल भी नहीं पाये. शहर के कई स्कूलों में एमडीएम के साथ अंडे देने की शुरुआत शायद अब अगली तारीख को ही संभव हो पायेगी.प्रारंभिक स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों को दोपहर के खाने के साथ अंडे देने का उद्देश्य उनकी क्षमता का विकास करना है. पौष्टिक आहार के रूप में शाकाहारी बच्चों को फल तथा मांसाहारी के रूप में अंडे खानेवाले बच्चे को अंडा दिया जाना है. शरीर में जरूरी तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए अंडे को शामिल किया गया है. शिक्षा विभाग की इस कोशिश में मदरसा व मरकज के विद्यार्थियों को भी लाभ दिया जायेगा.
बच्चों के लिए अंडा उपलब्ध कराना चुनौती
स्कूली बच्चों के लिए सरकार के द्वारा तय कीमत पर अंडा उपलब्ध करना सबसे बड़ी चुनौती है. विभाग के द्वारा पांच रुपये प्रति अंडे के हिसाब से रुपये दिये गये हैं़ जबकि बाजार में साढ़े छह रुपये से कम में अंडे नहीं मिलते़ अंडे की खरीदारी के बाद उसे सही सलामत स्कूल तक पहुंचाने में भी खर्च है. अंडे को उबाल कर उसे छिलने के बाद बच्चों को एमडीएम के साथ सर्व करने के काम को कर पाने में परेशानी आ रही है.
फल देने की योजना हो चुकी है फेल
स्कूलों में सप्ताह में दो दिन फल देने की योजना शुरू होने जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया है. स्कूलों में बिना अतिरिक्त फंड दिये ही फल देने की योजना शुरू की गयी थी़ उसे बाद में वापस करना पड़ा़ उसी प्रकार छात्र-छात्राओं को दिये जाने वाले पांच रुपये से अधिक रुपये में अंडे खरीद कर खिलाने में अधिकतर स्कूल फेल ही साबित होंगे.
क्या कहते हैं डॉक्टर
अंडा या मौसमी फल शरीर में ऊर्जा प्रदान करते हैं. ठंड के मौसम में, तो अंडे का और भी महत्व हो जाता है. बढ़ती उम्र के बच्चों को प्रोटीन और अन्य जरूरी तत्वों की कमी को सिजनली फलों व अंडों से दूर किया जा सकता है.
डॉ सत्यपाल प्रसाद, साईं नर्सिंग होम
क्या कहते हैं प्राचार्य
स्कूलों में अंडा उपलब्ध कराने में बहुत मुश्किल हो रही है. बाजार कीमत अधिक होने के साथ इसकी ट्रांसपोर्टिंग में भी परेशानी है. स्कूलों में एमडीएम के साथ अंडा और फल देने की व्यवस्था करने के पहले इसकी उपलब्धता कैसे होगी, इस पर विचार किया जाना चाहिए था़ बच्चों के लिए अंडे व फल उपलब्ध कराने में दिक्कत होगी.
दिनेश नाथ पासवान, प्रधान शिक्षक, महुली प्राथमिक स्कूल
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