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टेंडर प्रक्रिया से नहीं होती खरीदारी वित्तीय अनियमितता की आशंका

सत्र 2014-15 में महज चार प्रखंडों के कस्तूरबा विद्यालयों के लिए हुआ था निविदा टेंडर के लिए निकाला गया है आवेदन नवादा नगर : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के संचालन में टेंडर प्रक्रिया के बजाय क्रय समिति के माध्यम से खरीद को स्कूल संचालक बढ़ावा देते रहे हैं. विभाग के आंकड़ों को देखें तो सत्र […]

सत्र 2014-15 में महज चार प्रखंडों के कस्तूरबा विद्यालयों के लिए हुआ था निविदा
टेंडर के लिए निकाला गया है आवेदन
नवादा नगर : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के संचालन में टेंडर प्रक्रिया के बजाय क्रय समिति के माध्यम से खरीद को स्कूल संचालक बढ़ावा देते रहे हैं.
विभाग के आंकड़ों को देखें तो सत्र 2014-15 के चार प्रखंडों के अलावे अन्य किसी भी केंद्र में टेंडर से सामग्रियों की खरीदारी के बजाय सीधे स्कूल स्तर पर बने क्रय समिति से हीं खरीदारी को बढ़ावा दिया जाता है. जिला स्तर पर मॉनीटरिंग के लिए बने संभाग के लोगों की भी इसमें मिली भगत स्पष्ट रूप से दिखती है. राज्य स्तर पर टेंडर के लिए नोटिस निकाला गया है लेकिन विभाग के द्वारा स्कूल संचालन के लिए खाने-पीने व स्टेशनरी की सामग्रियों के लिए टेंडर को लेकर कोई खास पहल नहीं दिखती है.
जिला के सभी 14 प्रखंडों में एक-एक कस्तूरबा विद्यालय का संचालन किया जाता है. प्रत्येक केंद्र के संचालन में सालाना 18 से 25 लाख रूपये तक का व्यय होता है.
औसत रूप से देखें तो भोजन व अन्य व्यवस्था को लेकर प्रत्येक माह दो लाख रूपये का व्यय स्कूल स्तर पर बने क्रय समिति के द्वारा किया जाता है जिसकी मॉनीटरिंग को लेकर कोई खास इंतजाम शिक्षा विभाग का नहीं है. स्कूलों में यदि टेंडर के माध्यम से क्रय होता है तो क्वालिटी के साथ हीं सही क्वांटिटी में सामग्री भी उपलब्ध हो पायेगा.
जिला में अधिक से अधिक लोग टेंडर प्रक्रिया में शामिल हों इसके लिए विभाग को भी आपूर्ति करने वाले संस्थानों को टेंडर की जानकारी देकर अधिक से अधिक आपूर्तिकर्ताओं को प्रेरित करने की जरूरत है ताकि काम में पारदर्शिता लायी जा सके.

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